अभियान का एक साल

स्वच्छ भारत अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रमुख महत्वाकांक्षी योजनाओं में है. इस कार्यक्रम के एक वर्ष पूरे होने के अवसर पर केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडु ने उपलब्धियों की रिपोर्ट जारी की है. दो अक्तूबर, 2014 को इस योजना के घोषणा के समय अगले पांच वर्षों में 1.04 करोड़ व्यक्तिगत पारिवारिक शौचालय, […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 3, 2015 12:37 AM
स्वच्छ भारत अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रमुख महत्वाकांक्षी योजनाओं में है. इस कार्यक्रम के एक वर्ष पूरे होने के अवसर पर केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडु ने उपलब्धियों की रिपोर्ट जारी की है. दो अक्तूबर, 2014 को इस योजना के घोषणा के समय अगले पांच वर्षों में 1.04 करोड़ व्यक्तिगत पारिवारिक शौचालय, 5.28 लाख सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालय सीटें तथा देशभर के 78,003 वार्डों में दरवाजे से ठोस कचरे को जमा करने का शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने का निर्णय लिया गया था.
इस अभियान के तहत इस वर्ष मार्च तक 25 लाख पारिवारिक शौचालय बनाने का लक्ष्य रखा गया था. नायडु ने जानकारी दी है कि 4,64,651 शौचालय बनाये जा चुके हैं और 11,80,454 निर्माणाधीन हैं जिनके जल्दी ही पूरा होने की उम्मीद है. सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, शौचालय निर्माण में गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, आंध्र प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान का प्रदर्शन अच्छा रहा है, पर बिहार और उत्तर प्रदेश में संतोषजनक प्रगति नहीं हुई है.
बहरहाल, अभियान की प्रगति और इस रिपोर्ट के विश्लेषण तो होंगे, पर इतना तो कहा ही जा सकता है कि उत्कृष्ट उद्देश्यों के बावजूद इस अभियान की उपलब्धियां संतोषजनक नहीं हैं और इस बात का परीक्षण अपने आस-पास के इलाकों, सड़कों, नालियों, शौचालयों आदि के आकलन से किया जा सकता है. यह ठीक है कि शौचालय बने हैं और कचरा जमा करने के मामले में काम हो रहा है, पर यह सब निर्धारित लक्ष्यों और अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं है. गंदगी के मामले में तुलनात्मक विवरण देना भी निरर्थक है.
भोपाल में पटना से कम गंदगी हो सकती है, इसी तरह बनारस में सफाई का स्तर जयपुर से खराब हो सकता है, पर गंदगी तो इन सभी जगहों में है. स्वच्छता के मामले में थोड़ी-बहुत उपलब्धियों पर अपनी पीठ थपथपा लेना या संतुष्ट हो जाना इस अभियान की सफलता के लिए घातक हो सकता है. साल भर के कामकाज की समीक्षा की जानी चाहिए और खामियों को दुरुस्त करते हुए अभियान के एजेंडे को आगे ले जाना चाहिए.
आवश्यकता इस बात की है कि केंद्र सरकार, राज्य सरकारें और स्थानीय निकाय मिल-जुल कर प्रधानमंत्री मोदी की दृष्टि और सोच के मुताबिक स्वच्छ भारत अभियान के लक्ष्यों को पूरा करने की कोशिश को गति दें. स्वच्छ भारत ही स्वस्थ भारत की शर्त है तथा स्वस्थ भारत ही विकसित और समृद्ध भारत का आधार बन सकता है.

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