न गिरने दें भारतीय टीम का मनोबल

पुष्पा सिन्हामयूर चौक, बेकापुर, मुंगेर भारत ऑस्ट्रेलिया के हाथों सेमीफाइनल मैच गंवा कर भले ही विश्व कप से बाहर हो गया है और विश्व कप जीतने का उसका सपना अधूरा रह गया है, लेकिन इसके बावजूद भारतीय क्रिकेट टीम की जितनी भी तारीफ की जाये, वह कम ही होगी. टीम ने इस विश्व कप में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 27, 2015 1:26 AM

पुष्पा सिन्हा
मयूर चौक, बेकापुर, मुंगेर

भारत ऑस्ट्रेलिया के हाथों सेमीफाइनल मैच गंवा कर भले ही विश्व कप से बाहर हो गया है और विश्व कप जीतने का उसका सपना अधूरा रह गया है, लेकिन इसके बावजूद भारतीय क्रिकेट टीम की जितनी भी तारीफ की जाये, वह कम ही होगी. टीम ने इस विश्व कप में शानदार प्रदर्शन किया और बिना कोई मैच गंवाये सेमीफाइनल तक का सफर तय किया. हार और जीत खेल का अंग है. यह जरूरी नहीं हर बार टीम एकजैसा ही प्रदर्शन करे. इससे पहले सभी मैचों में टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया और जीत भी हासिल की. सिर्फ ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस सेमीफाइनल मैच में उसकी एक न चली और ऑस्ट्रेलिया जीत गया.

इस जीत के लिए ऑस्ट्रेलिया की सराहना भी इसलिए होनी चाहिए कि वह क्षेत्र में भारत से आगे रहा. भारतीय गेंदबाजों और बल्लेबाजों ने गलतियां तो जरूर की हैं. जहां गेंदबाजों ने बहुत ज्यादा रन दे दिये और विकेट लेने पर ध्यान नहीं दिया, वहीं बल्लेबाजों ने भी धैर्य का प्रदर्शन नहीं किया और तेज रन बनाने के चक्कर में आउट हो गये. बल्लेबाजों को पहले क्रीज पर डटने पर ध्यान देना चाहिए था. बाद में रनों की रफ्तार बढ़ायी जा सकती थी.

खैर, यह एक गेम ही है और इसमें हार-जीत तो लगी ही रहती है. महेंद्र सिंह धौनी ने जिस प्रकार से सभी मैचों में कप्तानी की है, उसकी दाद देनी होगी. विश्व कप शुरू होने से पहले तो यहां तक कहा जा रहा था कि इस बार टीम क्वार्टर फाइनल तक पहुंच जाये, वही बहुत है, लेकिन उससे पार जाते हुए बिना कोई मैंच गंवाये टीम सेमीफाइनल तक पहुंची. यह कम थोड़े ही है. आखिर हम कप के बहुत पास पहुंच कर हारे हैं. आगे के मैचों में जरूर हमारी जीत होगी, ऐसी हमें उम्मीद रखनी चाहिए. आइए हम टीम का मनोबल न गिरने दें. पुष्पा सिन्हा, मयूर चौक, बेकापुर, मुंगेर

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