जोश और होश का तालमेल जरूरी

अनुज कुमार सिन्हा वरिष्ठ संपादक प्रभात खबर भारत को मानसिक तौर पर मजबूत होकर उतरना होगा. हाल में भारतीय खिलाड़ियों ने जिस तरीके का क्षेत्ररक्षण किया है, उसे बरकरार रखना होगा. एक कैच छूटा कि गया मैच. दक्षिण अफ्रीका न्यूजीलैंड से इसलिए हारा, क्योंकि वह दबाव नहीं ङोल पाया. भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच गुरुवार को होनेवाला […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 26, 2015 2:32 AM

अनुज कुमार सिन्हा

वरिष्ठ संपादक

प्रभात खबर

भारत को मानसिक तौर पर मजबूत होकर उतरना होगा. हाल में भारतीय खिलाड़ियों ने जिस तरीके का क्षेत्ररक्षण किया है, उसे बरकरार रखना होगा. एक कैच छूटा कि गया मैच. दक्षिण अफ्रीका न्यूजीलैंड से इसलिए हारा, क्योंकि वह दबाव नहीं ङोल पाया.

भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच गुरुवार को होनेवाला मैच तय करेगा कि न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप का फाइनल कौन खेलेगा. इसमें दोराय नहीं कि ऑस्ट्रेलिया की टीम दुनिया की नंबर एक टीम है (रैंकिंग में), हाल में उसने भारत को बुरी तरह हराया है, उसके पास बेहतरीन तेज गेंदबाज हैं, आक्रामक बल्लेबाज हैं, होम ग्राउंड पर मैच हो रहा है, लेकिन यह भी मानना पड़ेगा कि ऑस्ट्रेलिया की टीम अपराजेय नहीं है. ऐसा नहीं है कि उसे हराया ही नहीं जा सकता.

इस वर्ल्ड कप में जिस तरीके से भारतीय टीम ने प्रदर्शन किया है, दक्षिण अफ्रीका से लेकर वेस्ट इंडीज तक को बड़े अंतर से हराया है, एक भी मैच नहीं हारा है, वह टीम इंडिया की ताकत को बताता है. पहले भारतीय टीम के बारे में. ओपनिंग जोड़ी फॉर्म में है.

इस वर्ल्ड कप में शिखर धवन ने दो और रोहित शर्मा ने एक शतक जमाया है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलने में रोहित को मजा आता रहा है. दो साल पहले बेंगलुरू में रोहित ने इसी ऑस्ट्रेलियाई टीम के तेज गेंदबाजों के खिलाफ 209 रन बनाये थे. फिर मेलबर्न में 138 रन की पारी खेली थी. रैना, कोहली भी शतक जमा चुके हैं. बल्लेबाजी में इस टीम का कोई जवाब नहीं है. रहाणो-धौनी इसे और मजबूती प्रदान करते हैं. हां, जडेजा ने कोई शानदार पारी नहीं खेली है, पर उन्हें बहुत मौका मिला भी नहीं है.

वर्ल्ड कप के पहले गेंदबाजी को भारत का सबसे कमजोर पक्ष माना जा रहा था, लेकिन अब तक इन्हीं गेंदबाजों ने कमाल दिखाया है. सात मैच और 70 विकेट. हर मैच में विपक्षी टीम को ऑल आउट किया है. यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है. उमेश यादव, मोहम्मद शमी और मोहित शर्मा जिस रफ्तार से गेंदबाजी कर रहे हैं, वैसा टीम इंडिया में पहले नहीं देखा जाता था. आज भारतीय गेंदबाज 145-147 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी कर रहे हैं. अगर ऐसा ही रहा तो ऑस्ट्रेलिया को दबाव में लाने में मुश्किल नहीं होगी. ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को भी शॉर्ट पिच गेंदों से डराया जा सकता है, यह पाकिस्तान के खिलाफ देखने को मिला है.

जिस तरीके से क्वार्टर फाइनल में पाकिस्तान के गेंदबाज वहाब ने शॉट पिच गेंदबाजी से वाटसन को परेशान कर रखा था, वह बताता है कि जोरदार हमले में ऑस्ट्रेलियाई टीम की सांस फूलने लगती है. वहाब की तेज गेंद जब वाटसन के शरीर, हेल्मेट से टकरा रही थी, भय वाटसन के चेहरे पर दिख रहा था. भारतीय टीम भी ऑस्ट्रेलिया की इस कमजोरी को जानती है. हो सकता है कि भारत भी छोटी गेंदों से हमला करे, लेकिन सतर्क रहना होगा. वहाब दुनिया के सबसे तेज गेंदबाज हैं. 150 किमी की रफ्तार. उमेश उनके मुकाबले कमजोर हैं. ऐसा न हो कि कम स्पीड का हमला भारत पर उलटा पड़ जाये.

भारत को मानसिक तौर पर मजबूत होकर उतरना होगा. मैक्सवेल और स्मिथ ने भारत के खिलाफ बेहतरीन खेल दिखाया है. इन दोनों को अंकुश में लाना होगा. मैक्सवेल की वही भूमिका होती है, जो दक्षिण अफ्रीकी टीम में डिविलियर्स की, यानी तेज गति से रन बनाने की. इसलिए मैक्सवेल को जल्द निबटाना होगा. भारत को सतर्क रहना होगा. फिंच, वार्नर को आरंभ के ओवरों में छूट नहीं देनी होगी. हाल में भारतीय खिलाड़ियों ने जिस तरीके का क्षेत्ररक्षण किया है, उसे बरकरार रखना होगा. एक कैच छूटा कि गया मैच. दक्षिण अफ्रीका न्यूजीलैंड से इसलिए हारा, क्योंकि वह दबाव नहीं ङोल पाया. डिविलियर्स और डिकॉक (विकेटकीपर) भी रन आउट नहीं कर सके. आसान कैच छोड़े गये.

भारतीय खिलाड़ियों को दबाव-मुक्त होकर स्वाभाविक खेल खेलना होगा. दिमाग में इस बात का भय नहीं होना चाहिए कि दुनिया की नंबर एक टीम के खिलाफ खेल रहे हैं. वैसे कप्तान धौनी इसमें माहिर हैं. भारतीय खिलाड़ियों के दिमाग में यही बात रहनी चाहिए कि यह वही ऑस्ट्रेलिआई टीम है, जिसे पिछले वर्ल्ड कप के क्वार्टर फाइनल में भारत ने हरा कर बाहर किया था. भारत मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन है. अपनी ताकत को पहचानना होगा. जिस तरीके से भारतीय खिलाड़ी खेलते आये हैं, लगभग हर खिलाड़ी फार्म में है, अगर यही फार्म बना रहे, उसी तेवर और समझ-बूझ से खेलते रहे तो ऑस्ट्रेलिया को हराना मुश्किल नहीं होगा. हां, टीम इंडिया को सतर्क रहना होगा.

भारतीय टीम की ओर से गलती जितनी कम होगी, जीत के आसार उतने ही ज्यादा होंगे. सिडनी भले ही ऑस्ट्रेलियाई टीम का होम ग्राउंड हो, पर जिस संख्या में भारतीय समर्थक वहां होंगे, वह टीम का मनोबल बढ़ाने के लिए काफी होगा. यह मुकाबला (सेमीफाइनल का) भारत का सबसे बड़ा और सबसे कड़ा मुकाबला है.

कप पर कब्जा बरकरार रखने के लिए इस बाधा को हर हाल में पार करना होगा. भारतीय खिलाड़ियों में कूबत है. टीम उत्साहित है, इसमें प्रतिभा है. इसलिए जोश और होश का तालमेल ऑस्ट्रेलियाई टीम पर भारी पड़ सकता है.

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