नरेंद्र मोदी ने ऐसा क्या कह दिया कि तथाकथित सेक्युलर दलों के निशाने पर वे ऐसे आ गये, जैसे उन्होंने राष्ट्रद्रोह की कोई बात कह दी हो! मोदी ने यही कहा न कि मैं राष्ट्रवादी हूं, देशभक्त हूं, मैं हिंदू के रूप में पैदा हुआ इसलिए आप कह सकते हैं कि मैं हिंदू राष्ट्रवादी हूं.
यह गर्व का विषय है कि हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है, जिसे संविधान की भाषा में पंथ निरपेक्ष भी कहा गया है, जिसका अर्थ ‘सर्व धर्म समभाव’ होता है, यानी सभी धर्मो की समानता. इस भारत भूमि में विभिन्न जाति, धर्म और समुदाय के लोग रहते हैं. इनकी नागरिकता और राष्ट्रीयता की पहचान भारतीय के रूप में होती है. इसके आलोक में हिंदू, मुसलिम, सिख, ईसाई खुद को राष्ट्रवादी क्यों नहीं घोषित कर सकते हैं? जिनके हृदय में अपने देश एवं मातृभूमि के लिए अटूट प्रेम, समर्पण और त्याग की भावना है, निस्संदेह वे राष्ट्रवादी हैं.
इस देश में कुछ राजनीतिक दलों के नाम के आगे ‘राष्ट्रवादी’ शब्द लगा है, तो क्या यह समझा जाये कि वे किसी संकीर्ण और अलगाव की विचारधारा से प्रेरित हैं? यह भारतभूमि हम सबकी, यहां के निवासियों की जननी है, इसका मान करना जरूरी है.
।। नंद किशोर सिंह ।।
(हजारीबाग)