* पुरस्कृत पत्र
।। सेत कुमार एक्का ।।
(गुमला)
अब 15वीं लोकसभा चुनाव का फासला बहुत कम रह गया है और राजनीतिक दलों ने इसकी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. इस बीच गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के कंधे पर चुनाव प्रचार की कमान सौंपना मुख्य विपक्षी दल भाजपा की चुनावी रणनीति है. नरेंद्र मोदी ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है और आह्वान किया है कि देश को कांग्रेस से मुक्त कराना है. यह सही बात है कि संप्रग-2 सरकार लगभग हर मोरचे पर नाकाम रही है और हमारे प्रधानमंत्री सचमुच मौन हो गये हैं. यही कारण है कि आर्थिक दृष्टि से हमारा देश पिछड़ गया है और महंगाई, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार का विकराल रूप सामने आया है.
सरकार और उसके लोग भ्रष्टाचार खत्म नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि इससे उनका पेट भरता है. वहीं जनता का पेट महंगाई और बेरोजगारी कम होने से भरता है. पेट भरने से जनता खुल कर वोट देती है. पर संप्रग सरकार ने इस ओर से पूरी तरह आंख मूंद ली है. इसका फायदा चुनाव में दूसरे दलों को मिलना चाहिए, लेकिन यह फायदा सिर्फ कांग्रेस का विरोध करने से नहीं मिलनेवाला, क्योंकि कांग्रेस 125 साल पुरानी पार्टी है और वह सत्ता अपने हाथ से इतनी आसानी से जाने नहीं देगी.
मोदी को यह बताना होगा कि वे महंगाई और बेरोजगारी कैसे रोकेंगे. क्योंकि सिर्फ भाषणबाजी से जनता के दुख दूर होनेवाले नहीं हैं. यह भी एक वजह है कि लोग अच्छी तरह जानते हैं कि भाजपा की नीति भी कांग्रेस से अलग नहीं है, जिसे भाजपा के कार्यकाल में अच्छी तरह महसूस किया गया है.
दूसरी ओर भाजपा के रहनुमाओं को समझना होगा कि यह देश सिर्फ हिंदुस्तानियों का है, किसी खास धर्मावलंबी का नहीं. वरना कांग्रेस के सिवा जनता के पास और कोई विकल्प न होगा!