कहीं किसी जाति या मजहब, तो कहीं कोई नेता, तो कहीं किसी देश को तुष्ट करने की नीति का अनुसरण कर रही है हमारी सरकार. देश की एकता और अखंडता को ताक पर रख कर देशवासियों को आपस में लड़ाने और देश के दुश्मनों को हम पर हावी होने का मौका दे रही है हमारी सरकार.
आज हर कोई सरकार की गलत नीतियों की आलोचना कर रहा है, लेकिन हमारी सरकार है कि उसे न तो आलोचनाओं से फर्क पड़ता है और न ही उसकी नीतियों के शिकार पीड़ितों की चीख–पुकार से. उसे चिंता बस इस बात की है कि सरकार अस्थिर न हो. सीमा पार से लगातार हमले हो रहे हैं.
हमारे सैनिकों को मौत के घाट उतारा जा रहा है, फिर भी रक्षा मंत्री गैर जिम्मेदाराना बयान देकर पाकिस्तान को बचाने की कोशिश करते हैं. यकीन नहीं होता कि यह वही कांग्रेस है, जिसकी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कभी दुश्मन देश को करारा जवाब देते हुए उसके दो टुकड़े कर डाले. जबकि मनमोहन सिंह के नेतृत्ववाली यह सरकार विचारशून्य नजर आती है, जो सामने पड़े खतरे को देख कर भी अनदेखा करने की कोशिशों में लगी है.
।। शैलेश कुमार ।।
(ई–मेल से)