21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भारत को फिर से एक लौहपुरुष की जरूरत

तेलंगाना भारत का 29वां राज्य बनने की ओर अग्रसर है. इसके साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों में नये राज्य की मांग जोर पकड़ने लगी है. जाहिर है इसके बाद आंदोलनों का दौर चलेगा और आगे सियासत के कई रंग भी दिखेंगे. असम में तो अभी सेकर्फ्यूलगने व हाई अलर्ट जारी होने शुरू हो गये […]

तेलंगाना भारत का 29वां राज्य बनने की ओर अग्रसर है. इसके साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों में नये राज्य की मांग जोर पकड़ने लगी है. जाहिर है इसके बाद आंदोलनों का दौर चलेगा और आगे सियासत के कई रंग भी दिखेंगे. असम में तो अभी सेकर्फ्यूलगने व हाई अलर्ट जारी होने शुरू हो गये हैं. अब बारी है अन्य राज्यों की.

प्रश्न यह उठता है कि क्या राज्यों को टुकड़ों में विभाजित कर देने मात्र से विकास से वंचित जनता की सारी परेशानियां खत्म हो जायेंगी? यदि हां, तो फिर आजादी के समय राष्ट्रीय एकता के सूत्रधार लौहपुरुष पटेल को क्या जरूरत थी कि उन्होंने 562 देशी रियासतों और तेलंगाना समेत कई क्षेत्रों का भारत में विलय कराया?

भारत का तीव्र एकीकरण सरदार पटेल की सबसे बड़ी उपलिब्ध थी, लेकिन ठीक इसके उलट, आज दिन प्रतिदिन कमजोर होती केंद्रीय शक्ति, कठोर निर्णय लेने की अक्षमता तथा नये-नये क्षेत्रों का उदय राष्ट्रवाद व राष्ट्रीय एकता के लिए घातक बना हुआ है. काश! 121 करोड़ आबादी का प्रतिनिधित्व करनेवाले माननीयों में कोई तो पटेल जैसा होता, जो इस जहरीली हवा को रोकने की हिम्मत दिखाता.

।। रविंद्र पाठक ।।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें