झारखंड में बीएड की पढ़ाई के लिए कई कॉलेज तो कई खुल रहे हैं, पर बीएड प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत कितने प्रशिक्षुओं को नौकरी मिल रही है, क्या सरकार को इस बात का अंदाजा है? न सरकार इस बात का आकलन कर रही है और न ही उसकी ओर से शिक्षक नियुक्ति पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
झारखंड में शिक्षकों की भारी कमी है, इसे देखते हुए बीएड प्रशिक्षित छात्रों में उत्साह एवं उम्मीद है कि उनकी नियुक्ति शिक्षक के रूप में अवश्य होगी. परंतु झारखंड बनने के उपरांत अब तक कितने शिक्षकों की नियुक्ति हुई है? राज्य के सरकारी स्कूलों में सृजित पदों की तुलना में भारी मात्र में वर्षों से रिक्तियां, दिनोंदिन शिक्षा के गिरते स्तर की सबसे बड़ी वजह बन रही हैं और यही नहीं, यह इस बात की ओर भी इशारा करती हैं कि हमारे राज्य में बनी अब तक की तमाम सरकारें शिक्षा को लेकर कितनी गंभीर रही हैं. सरकार अब तक एक बार भी सही तरीके से शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पायी है. जब इस बात पर विचार किया जाता है, तो प्रशिक्षुओं को निराशा ही हाथ लगती है. ना जाने कब झारखंड में उचित रूप में शिक्षकों की नियुक्ति होगी?
।। मनीला कुमारी ।।
(जमशेदपुर)