निर्भया के दोषियों को सजा में विलंब से लोगों में हताशा

निर्भया कांड के सात साल बीत चुके हैं, लेकिन दोषियों को अब तक सजा नहीं मिल सकी. दो बार डेथ वारंट जारी कर स्थगित कर दिया गया. सोमवार को एक बार फिर फांसी के लिए नयी तिथि घोषित की गयी है. लेकिन, उक्त तिथि को फांसी पड़ ही जाये, कहना मुश्किल है. जबकि इस घटना […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 19, 2020 5:52 AM

निर्भया कांड के सात साल बीत चुके हैं, लेकिन दोषियों को अब तक सजा नहीं मिल सकी. दो बार डेथ वारंट जारी कर स्थगित कर दिया गया. सोमवार को एक बार फिर फांसी के लिए नयी तिथि घोषित की गयी है. लेकिन, उक्त तिथि को फांसी पड़ ही जाये, कहना मुश्किल है. जबकि इस घटना को लेकर पूरा देश उबल पड़ा था. लेकिन कानून की जटिलताओं का फायदा बार-बार दोषी उठा रहे हैं और फांसी की तिथि टल जा रही है.

इससे लोगों में कानून के प्रति निराशा बढ़ती जा रही है. वहीं, बेटियों को भी अपनी सुरक्षा के लिए बने कानून से विश्वास हटता जा रहा है. अगर देखा जाये तो लगभग प्रतिदिन देश के किसी न किसी कोने से बलात्कार की खबरें आती रहती हैं. परंतु इन घटनाओं पर किसी तरह का शोर-शराबा नहीं हो पाता, जब तक की रेप की जघन्य घटना न हो. इसलिए सरकार के साथ आम नागरिकों को भी गंभीरता से विचार करने की जरूरत है.

शशांक श्रीवास्तव, पटना

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