धनी राज्य के गरीब लोग
आपने अक्सर यह बात सुनी होगी कि नदियां पानी से परिपूर्ण रहती हैं, परंतु खुद के लिए वह नहीं होता, उसे दूसरे पीते हैं. इसी तरह किसान भी पूरे देश में अनाज पहुंचाते है, लेकिन वे भी कभी-कभी भुखे पेट सोते हैं. यही हाल झारखंड का है. यहां सभी तरह के खनिज पदार्थ भरे पड़े […]
आपने अक्सर यह बात सुनी होगी कि नदियां पानी से परिपूर्ण रहती हैं, परंतु खुद के लिए वह नहीं होता, उसे दूसरे पीते हैं. इसी तरह किसान भी पूरे देश में अनाज पहुंचाते है, लेकिन वे भी कभी-कभी भुखे पेट सोते हैं. यही हाल झारखंड का है. यहां सभी तरह के खनिज पदार्थ भरे पड़े हैं, पर यहां की जनता बदहाल है.
हर बार सरकार बनते ही हर बेरोजगार, होनहार, गरीब, पढ़े-लिखे युवा के आंखों में यही आस रहती है कि सरकार हमारे लिए ऐसा करे कि हम जिस सोने की मिट्टी में पैदा हुए हैं, वैसे ही हम भी चमकें. लेकिन सरकारें आती और जाती हैं. सरकारों को अपनी जिम्मेदारी का अहसास होना चाहिए.
मुंगेश्वर साहु, सिमडेगा, झारखंड