खाद्य-वस्तुओं को बचाया जाये

आज हर जगह जल प्रदूषण और वायु प्रदूषण आम बात है. हमारे उपभोग की तमाम चीजों को इस प्रदूषण ने अपनी आगोश में ले लिया है. अनाज, दालों और सब्जियों में आर्सेनिक, यूरिया और पारे की खतरनाक स्तर में मौजूदगी मनुष्य जीवन पर गहरे आसन्न संकट की तरफ इशारा करती है. आवश्यकता से अधिक रसायनों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 21, 2020 7:05 AM
आज हर जगह जल प्रदूषण और वायु प्रदूषण आम बात है. हमारे उपभोग की तमाम चीजों को इस प्रदूषण ने अपनी आगोश में ले लिया है. अनाज, दालों और सब्जियों में आर्सेनिक, यूरिया और पारे की खतरनाक स्तर में मौजूदगी मनुष्य जीवन पर गहरे आसन्न संकट की तरफ इशारा करती है.
आवश्यकता से अधिक रसायनों के उपयोग से न केवल धरती से उत्पन्न फसल जहरीली हो रही है, अपितु भूजल भी खतरनाक रूप से कैंसर और अन्य मृत्यु की ओर धकेलनेवाली बीमारियां पेश कर रहा है. जहरीले और बेहद गंदे जल से सब्जियों की सिंचाई, उनकी धुलाई और सब्जियों को अधिक ताजा व हरा दिखाने के लिए प्रयुक्त रसायनों से पारा और आर्सेनिक तत्व सीधे मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर रहे हैं.
यह स्थिति अधिक भयावह होती जा रही है. इसे रोकने के अनेक उपाय हो सकते हैं, लेकिन सबसे उपयुक्त उपाय उपभोक्ताओं की जागरूकता हो सकती है. जहां भी गंदे नालों से सिंचाई और धुलाई होते दिखे, किसानों को समझाया जाये. सरकार इसे तुरंत रोके, अन्यथा लोगों की सेहत पर खतरे बढ़ सकते हैं.
सत्य प्रकाश सनोठिया, रोहिणी, दिल्ली

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