मनिहारी में पेयजल के लिए मचा है हाहाकार

कटिहार के मनिहारी में गर्मी का मौसम आरंभ होते ही कुएं सूख गये, नल से पानी आना बंद हो गया. वैसे यहां पथरीली मिट्टी होने के कारण बोरिंग करने में बड़ी राशि खर्च हो जाती है, जो आम लोगों के वश की बात नहीं है. विडंबना है कि मनिहारी में गंगा नदी हैं. इसके बावजूद […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 25, 2019 5:59 AM

कटिहार के मनिहारी में गर्मी का मौसम आरंभ होते ही कुएं सूख गये, नल से पानी आना बंद हो गया. वैसे यहां पथरीली मिट्टी होने के कारण बोरिंग करने में बड़ी राशि खर्च हो जाती है, जो आम लोगों के वश की बात नहीं है. विडंबना है कि मनिहारी में गंगा नदी हैं. इसके बावजूद पेयजल के लिए यहां हाहाकार मचा है.

गर्मी चरम पर है. बारिश के बाद तापमान कभी घट रहा है, तो कभी काफी बढ़ जा रहा है. इस गर्मी में प्यास बुझाना मुश्किल हो रहा है. भूमिगत जल स्तर के सौ फुट नीचे चले जाने से गांव में चापाकल भी पानी नहीं दे रहा है. वहीं शहरी क्षेत्रों में सप्लाइ वाटर भी नियमित नहीं है. सरकारी स्तर पर सार्वजनिक क्षेत्रों व प्रत्येक मुहल्ले या वार्ड में कम से कम दो चापाकल लगवाना चाहिए, ताकि सब की प्यास बुझ सके.

अर्चना कुमारी पॉल, मनिहारी (कटिहार)

Next Article

Exit mobile version