वास्तविक मुद्दों से भटक रहा लोकसभा चुनाव

देश में फिलहाल लोकसभा चुनाव का दौर चल रहा है, जिसमें राजनीतिक दलों के द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान शब्दों के सबसे अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करते देखा जा रहा है. ताज्जुब तो तब होती है जब इतना कुछ होने के बावजूद चुनाव आयोग खामोश बैठा है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद चुनाव […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 19, 2019 6:41 AM
देश में फिलहाल लोकसभा चुनाव का दौर चल रहा है, जिसमें राजनीतिक दलों के द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान शब्दों के सबसे अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करते देखा जा रहा है. ताज्जुब तो तब होती है जब इतना कुछ होने के बावजूद चुनाव आयोग खामोश बैठा है.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद चुनाव आयोग हरकत में आया और आनन-फानन में कुछ नेताओं पर कुछ घंटों के लिए चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध लगाकर अपना पल्ला झाड़ लिया है.
जबकि, भाषणों में अमर्यादित भाषा के इस्तेमाल पर चुनाव आयोग को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए थी. जनता की समस्या लोकसभा चुनाव का वास्तविक मुद्दा बनकर तभी उभरेगा, जब चुनाव आयोग नेताओं के बिगड़े बोल पर लगाम लगायेगा, वरना चुनाव प्रचार के अमर्यादित भाषा में जनता का वास्तविक मुद्दा दबकर रह जायेगा.
नितेश कुमार सिन्हा, जानपुल चौक (मोतिहारी)

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