सरकारी कार्यों में लापरवाही

यह देखा जाता है कि कोई भी सरकारी योजना(खासकर सड़क निर्माण कार्य) को पास होने में 1-2 वर्ष आसानी से बीत जाता है. फिर कार्य संपन्न होने में लगभग दो वर्ष लग जाते हैं. कुल मिलाकर 3-4 वर्ष में कोई सड़क आदि बनकर तैयार होती है. इनके निर्माण में करोड़ों रुपये का खर्च होते हैं. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 13, 2018 6:24 AM

यह देखा जाता है कि कोई भी सरकारी योजना(खासकर सड़क निर्माण कार्य) को पास होने में 1-2 वर्ष आसानी से बीत जाता है. फिर कार्य संपन्न होने में लगभग दो वर्ष लग जाते हैं. कुल मिलाकर 3-4 वर्ष में कोई सड़क आदि बनकर तैयार होती है. इनके निर्माण में करोड़ों रुपये का खर्च होते हैं. लेकिन प्रायः देखा जाता है कि ये सड़कें पांच साल भी ठीक से नहीं चलती हैं.

इसका एक जीता-जागता उदाहरण पिछले दिनों गोड्डा में देखने को मिला, जहां ढाई साल पहले करीब साढ़े चार करोड़ की लागत से निर्मित एक पुल रविवार की रात को ढह गया. रात के डेढ़ बजे के समय में पेंट लदा ट्रक जैसे ही पुल से गुजरा, तभी पुल भरभरा के गिर गया. खैर किसी तरह चालक ने अपनी जान बचायी. 4.40 करोड़ रुपये से निर्मित यह पुल 10 अप्रैल 2016 को बनकर तैयार हुई थी और मात्र ढाई साल में ही ढह गयी.

शेखर कुमार, दुमदुमी, देवघर

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