ट्रंप की बदल रही सोच

लगता है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दिमाग अब दुरुस्त हो रहा है, क्योंकि जो आदमी 2016 के अपने चुनावी भाषणों में जलवायु परिवर्तन को सिरे से खारिज करता था, इसे मौसम वैज्ञानिकों का राजनीतिक एजेंडा बताता था, आज कम-से-कम ये तो मानने को तैयार हुआ है कि जलवायु परिवर्तन हो रहा है. हालांकि अब […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 16, 2018 7:04 AM
लगता है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दिमाग अब दुरुस्त हो रहा है, क्योंकि जो आदमी 2016 के अपने चुनावी भाषणों में जलवायु परिवर्तन को सिरे से खारिज करता था, इसे मौसम वैज्ञानिकों का राजनीतिक एजेंडा बताता था, आज कम-से-कम ये तो मानने को तैयार हुआ है कि जलवायु परिवर्तन हो रहा है. हालांकि अब भी वह यह नहीं मानते की यह इंसान द्वारा किया जा रहा है.
अगर ये मान लेंगे, तो पेरिस सम्मेलन से बाहर निकलने का उनका दलील खुद-बखुद ध्वस्त हो जायेगा. ठीक है कि प्राकृतिक आपदा सदियों से हो रही है, मगर 20वीं एवं 21वीं सदी में जितनी जल्दी=जल्दी हो रही है, वैसा पहले कभी देखने को नहीं मिला. खुद अमेरिका पिछले दो महीने में दो-दो तूफान से जूझा है. लगता है, इन कारणों से ट्रंप साहब अपने पुराने ख्यालात में परिवर्तन करने को मजबूर हुए हैं. आशा करता हूं, निकट भविष्य में ही उन्हें यह मानना ही पड़ेगा कि प्राकृतिक आपदा के पीछे हम मानव ही ज्यादा जिम्मेदार हैं.
जंग बहादुर सिंह, गोलपहाड़ी, जमशेदपुर

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