बस यात्रियों के जान से होता है खिलवाड़

ग्रामीण क्षेत्रों में यात्रा का एकमात्र विकल्प सड़क मार्ग ही होता है. गांव के लोगों को इलाज करवाने, महंगे समान खरीदने, खास अवसरों के लिए खरीदारी करने तथा विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के लिए बस, टेंपो या अन्य छोटी गाड़ियों का उपयोग करना ही पड़ता है. लेकिन ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में गाडियों में मौजूद […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 22, 2018 5:03 AM
ग्रामीण क्षेत्रों में यात्रा का एकमात्र विकल्प सड़क मार्ग ही होता है. गांव के लोगों को इलाज करवाने, महंगे समान खरीदने, खास अवसरों के लिए खरीदारी करने तथा विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के लिए बस, टेंपो या अन्य छोटी गाड़ियों का उपयोग करना ही पड़ता है. लेकिन ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में गाडियों में मौजूद सीट से जायद लोग उस पर सवार होते हैं. ये लोग अंदर खड़े होकर यात्रा करते हैं.
कभी-कभी तो अत्यधिक भीड़ के कारण लोग गाड़ी के छतों पर बैठ कर यात्रा करते हैं. प्रतिदिन सैकड़ों लोग अपने जान को खतरे में डालकर यूं ही सफर करते हैं. सफर करना उनकी मजबूरी है. सड़क हादसों की खबरें आम है. ऐसे में उनके लिए ग्रामीण क्षेत्राें को जोड़ने के लिए समुचित परिवहन की व्यवस्था सरकार का दायित्व है.
उत्सव रंजन, नीमा, हजारीबाग

Next Article

Exit mobile version