वृक्षों की अंधाधुंध कटाई पर लगे रोक

जनसंख्या वृद्धि के साथ-साथ जंगलों का विनाश तेजी से बढ़ गया है. लोग यह भूल चुके हैं कि पेड़ हमारी जिंदगी है. अपनी जरूरतों को पूरी करने के लिए वृक्षों की अंधाधुंध कटाई हो रही है. आज जंगलों का अस्तित्व खतरे में है. एक अनुमान के तहत दुनिया में हर साल एक करोड़ हेक्टेयर इलाके […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 20, 2018 6:33 AM
जनसंख्या वृद्धि के साथ-साथ जंगलों का विनाश तेजी से बढ़ गया है. लोग यह भूल चुके हैं कि पेड़ हमारी जिंदगी है. अपनी जरूरतों को पूरी करने के लिए वृक्षों की अंधाधुंध कटाई हो रही है. आज जंगलों का अस्तित्व खतरे में है. एक अनुमान के तहत दुनिया में हर साल एक करोड़ हेक्टेयर इलाके के वन काटे जाते हैं, जिनमें अकेले भारत में 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फैले जंगल कट रहे हैं.
वनों के कटाई के परिणामस्वरूप पृथ्वी का सामान्य रहने वाला वातावरण आज प्रदूषित हो गया है. यह ओजोन परत के लिए गंभीर खतरा है. वह दिन भी दूर नहीं जब ओजोन परत गायब हो जायेगी और हमारी आने वाली पीढियों के लिए जिंदगी नर्क के समान हो जायेगी. यदि हम आने वाली पीढियों के लिए वास्तव में जंगल की विरासत की रक्षा करना चाहते हैं, तो हमें पेड़ से लाभ कमाने के बजाय जीवन के लिए जंगल को बचाने की सोच विकसित करनी होगी.
संतोष कुमार, इमेल से

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