इंसानियत शर्मसार

कठुआ दुष्कर्म मामले ने पूरी इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है. जहां पूरे देश में इसका गम और गुस्सा है, वहीं इसकी गूंज पूरी दुनिया में फैल गयी है. संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव ने कठुआ दुष्कर्म को भयावह बताया है और उम्मीद जतायी है कि प्रशासन इस जघन्य अपराध के दोषियों को उचित […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 18, 2018 5:34 AM
कठुआ दुष्कर्म मामले ने पूरी इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है. जहां पूरे देश में इसका गम और गुस्सा है, वहीं इसकी गूंज पूरी दुनिया में फैल गयी है.
संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव ने कठुआ दुष्कर्म को भयावह बताया है और उम्मीद जतायी है कि प्रशासन इस जघन्य अपराध के दोषियों को उचित सजा देगा. हालांकि यह मामला तीन महीने पहले का है. आरोपी पुलिस और सरकार ही कार्यवाही से अब तक बचते रहे. यह हमारे देश की प्रशासनिक व्यवस्था के लिए घोर कलंक है. इस मामले का राजनीतीकरण कर दिया गया, जो कहीं से भी सही नहीं है.
दुष्कर्म करने वालों का कोई धर्म नहीं होता, न ही कोई विचारधारा होती है. तो फिर उन सब से सहानुभूति कैसी? उसे ऐसी कठोर सजा दी जाये कि आनेवाली पीढ़ी के लिए सबक बन जाये.
ग़ुलाम ग़ौस आसवी, धनबाद

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