तीन तलाक और मुस्लिम समाज

तीन तलाक पर बिल लोकसभा से पास हो गया है. राज्यसभा से पारित होने के बाद राष्ट्रपति की सहमति के उपरांत यह कानून बन जायेगा. अब शादीशुदा मुस्लिम महिलाओं को एक बार में तीन तलाक बोलकर अथवा लिखकर या अन्य तरीके से दिये गये तलाक गैरकानूनी माने जायेंगे. तलाक देने वाले पति पर आपराधिक मामला […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 1, 2018 6:42 AM
तीन तलाक पर बिल लोकसभा से पास हो गया है. राज्यसभा से पारित होने के बाद राष्ट्रपति की सहमति के उपरांत यह कानून बन जायेगा. अब शादीशुदा मुस्लिम महिलाओं को एक बार में तीन तलाक बोलकर अथवा लिखकर या अन्य तरीके से दिये गये तलाक गैरकानूनी माने जायेंगे. तलाक देने वाले पति पर आपराधिक मामला बनेगा. इसमें तीन साल की सजा का प्रावधान किया गया है.
वर्षों से तीन तलाक से पीड़ित और सामाजिक, आर्थिक परेशानी झेल रही मुस्लिम महिलाओं के लिए यह एक नयी और राहत भरी खबर है. तलाकशुदा महिलाओं के लिए गुजारा भत्ता का भी प्रावधान किया गया है. मनमाने ढंग से दिये जाने वाले एकतरफा तलाक पर मुस्लिम पुरुषों पर अंकुश लगाने की कोशिश की गयी है.
उम्मीद है कि कानून बन जाने के बाद सदियों से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं के प्रति होने वाले अत्याचार पर रोक लगेगी और तीन तलाक महज बोलकर अथवा लिखकर तलाक देना अब पुराने जमाने की बात रह जायेगी. केंद्र सरकार इस मामले में बधाई का पात्र है.
युगल किशोर, इमेल से

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