यह कैसी मरीज सेवा

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में बिना बिजली और बेड के मोतियाबिंद के ऑपरेशन टॉर्च की रोशनी में किये गये. एक एनजीओ ने अंधता निवारण समिति के माध्यम से मोतियाबिंद के लिए शिविर लगाया था. शिविरों में जो मोतियाबिंद के ऑपरेशन किये जाते हैं, उनकी शिकायतें बहुत आती है. मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए शिविर का […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 28, 2017 6:13 AM
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में बिना बिजली और बेड के मोतियाबिंद के ऑपरेशन टॉर्च की रोशनी में किये गये. एक एनजीओ ने अंधता निवारण समिति के माध्यम से मोतियाबिंद के लिए शिविर लगाया था. शिविरों में जो मोतियाबिंद के ऑपरेशन किये जाते हैं, उनकी शिकायतें बहुत आती है.
मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए शिविर का आयोजन तो किया जाता है, लेकिन जहां मरीजों का ऑपरेशन होने वाला होता है, वहां की सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया जाता. उस पर ध्यान देना शिविर का आयोजन करने वालों समेत ऑपरेशन करने वाले अस्पताल का भी काम होता है.
मरीजों की सेवा करने के बजाय उन्हें और तकलीफ देने वालों को सख्त सजा होनी चाहिए. आंखों के परीक्षण के शिविर बहुत जगह लगाये जाते हैं, लेकिन जो शिविर आंखों से संबंधित कोई भी ऑपरेशन के लिए लगाये जाते हैं, उनके लिए सरकारी अनुमति अनिवार्य करनी चाहिए.
वैजयंती सूर्यवंशी, ई-मेल से.

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