सचेत जनता के सच सवाल

नयी दिल्ली में एक कार्यक्रम में महिला सुरक्षा के सवालों (महिलाओं ने पूछे) पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मंच छोड़कर जाना पड़ा. मुख्यमंत्री को जनता के सवालों से डर लगता है, तो जरा सोचिए, जिन महिलाओं को सुरक्षा के बारे में कठिनाई सहनी पड़ रही है, उनकी क्या हालत होगी? अपनी सुरक्षा को लेकर महिलाओं […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 19, 2017 5:19 AM
नयी दिल्ली में एक कार्यक्रम में महिला सुरक्षा के सवालों (महिलाओं ने पूछे) पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मंच छोड़कर जाना पड़ा. मुख्यमंत्री को जनता के सवालों से डर लगता है, तो जरा सोचिए, जिन महिलाओं को सुरक्षा के बारे में कठिनाई सहनी पड़ रही है, उनकी क्या हालत होगी? अपनी सुरक्षा को लेकर महिलाओं के मन में गुस्सा और सवालों का होना जायज है.
उन्हें सवाल पूछने का अधिकार है. यह महिलाओं की इज्जत का सवाल है. चुनाव के समय खूब वादे किये जाते हैं. जनता उन्हें बराबर ध्यान में रखकर उचित समय पर सवाल करती है. सचेत जनता सवाल उठायेगी ही. यह उनका संवैधानिक हम है. महिलाओं की सुरक्षा को लेकर घर-घर में चिंता का वातावरण है. चिंता हर दिन बढ़ रही है.
सरकार कहने को कुछ भी कहे, सच यही है कि सुरक्षा के सवाल पर हर आदमी सशंकित है. उनकी शंकाओं का निराकरण और उन्हें भयमुक्त होने का विश्वास दिलाना सरकार की पहली जिम्मेदारी है. ऐसे में एक सीएम का यह व्यवहार उचित नहीं है. यह हम सब की चिंता होना चहिए कि कब महिलाओं को चिंता मुक्त वातावरण को अनुभव करने का अवसर मिलेगा ?
मनीषा चंदराणा, मेल से

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