आरक्षित सीट पर ग्रहण

कुछ समय से गुमला जिले में आदिवासियों के जाति प्रमाण-पत्रों में ‘हिंदू’ लिखा जा रहा. यह काफी अजीब बात है कि जो प्रकृति के पूजक हैं, जिनका एक अलग रीति-रिवाज, परंपरा और पूजा पद्धति होते हुए भी उन्हें हिंदू में शामिल किया जा रहा है. यह एक बहुत बड़ी राजनीतिक चाल है, ताकि आनेवाले समय […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 4, 2017 6:17 AM
कुछ समय से गुमला जिले में आदिवासियों के जाति प्रमाण-पत्रों में ‘हिंदू’ लिखा जा रहा. यह काफी अजीब बात है कि जो प्रकृति के पूजक हैं, जिनका एक अलग रीति-रिवाज, परंपरा और पूजा पद्धति होते हुए भी उन्हें हिंदू में शामिल किया जा रहा है. यह एक बहुत बड़ी राजनीतिक चाल है, ताकि आनेवाले समय में जनगणना में हिंदू बहुल क्षेत्र घोषित करके आरक्षित सीट को खत्म कर दिया जाये.
आदिवासी बहुल क्षेत्र पर अन्य दूसरी जातियों के व्यक्ति चुनाव में खड़े हो सकें और राजनीति पर कब्जा जमा सकें. अगर जाति प्रमाण-पत्र में यही खेल चलता रहा, तो वह दिन दूर नहीं, जिसकी आशंका आदिवासी युवा चिंतक व्यक्त करते रहे हैं. लोहरदगा लोकसभा के अंतर्गत आने वाली पांचों विधानसभा सीटें आरक्षित हैं. आखिर कब तक आदिवासियों का हक उनकी ही मिट्टी में छीना जायेगा?
राज विजय उरांव, गुमला

Next Article

Exit mobile version