महिलाओं का सम्मान हर जगह हो
पद्मावती फिल्म को विरोध के साथ बैन करने की भी बात हो रही है. इसमें क्या दिखाया गया है यह किसी को नहीं पता. कहा जा रहा है कि इसमें हमारे गौरवशाली इतिहास से छेड़छाड़ है. शायद हो भी सकता है. पर उस वक्त विरोध करनेवाले लोग कहां छिप जाते हैं जब राह चलते किसी […]
पद्मावती फिल्म को विरोध के साथ बैन करने की भी बात हो रही है. इसमें क्या दिखाया गया है यह किसी को नहीं पता. कहा जा रहा है कि इसमें हमारे गौरवशाली इतिहास से छेड़छाड़ है. शायद हो भी सकता है.
पर उस वक्त विरोध करनेवाले लोग कहां छिप जाते हैं जब राह चलते किसी महिला के साथ छेड़छाड़ होती है? उस वक्त विरोध प्रदर्शन क्यों नहीं होता? क्या केवल इतिहास से छेड़छाड़ ही गुनाह है और इन महिलाओं के साथ छेड़छाड़ गुनाह नहीं. महिलाओं का सम्मान करना चाहिए चाहे वे इतिहास की हों या वर्तमान की हों. कहा गया है – ‘यत्र नार्यस्त्र पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवताः’. यही विरोध और यही उग्रतापन अगर हम किसी भी छेड़छाड़ की घटनाओं पर दिखाएं, तो देश की महिलाएं सुरक्षित महसूस कर सकेंगी.
कन्हाई, लालपुर, रांची