तब तक खरीदिए

आलोक पुराणिक व्यंग्यकार दशहरा के बाद दीवाली सेल, फिर इयर एंड सेल, फिर न्यू इयर सेल-सेलमसेल. ऊपरवाला मानवमात्र को धरती पर इसलिए भेजता है कि जा अभी तेरी सेल का कोटा पूरा ना हुआ. इतने-इतने आइटम तो तू खरीद ही ना पाया. उस फोन का लेटेस्ट माॅडल आ लिया, तू पुराने माॅडल पर ही ऊपर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 16, 2017 6:16 AM
आलोक पुराणिक
व्यंग्यकार
दशहरा के बाद दीवाली सेल, फिर इयर एंड सेल, फिर न्यू इयर सेल-सेलमसेल. ऊपरवाला मानवमात्र को धरती पर इसलिए भेजता है कि जा अभी तेरी सेल का कोटा पूरा ना हुआ. इतने-इतने आइटम तो तू खरीद ही ना पाया. उस फोन का लेटेस्ट माॅडल आ लिया, तू पुराने माॅडल पर ही ऊपर आ गया था. जा नीचे जाकर नया माॅडल खरीद, उसकी आफ्टर सेल सर्विस पर रो, परेशान हो. अपने पुराने दुष्कर्मों का दंड भुगत, फिर आना ऊपर.
मेरा बचपन का संस्कार है- अगर साठ साल से ऊपर का कोई बुजुर्ग कुछ बेचे, तो ले लेना चाहिए. पता नहीं किस जरूरत में बंदा बेच रहा हो. मौका-ए-सेल पर अमिताभ बच्चन ज्वैलरी, ब्यूटी क्रीम, चाॅकलेट, जाने क्या-क्या बेच रहे हैं, मैं सब खरीद लेता हूं. 75 की उम्र का बुजुर्ग कोई बात कह रहा है, तो बात मान लेनी चाहिए.
धर्मेंद्र जी उस दिन एक घी को खरीदने की बात कर रहे थे, मैं खरीद लाया.भारत रत्न सचिन तेंडुलकर एक वाटर प्योरीफायर खरीदने को कह रहे हैं- लेना पड़ेगा. सचिन लगभग भगवान हैं, उनकी बात कोई कैसे टाल सकता है. हेमा मालिनीजी, सीनियर सिटीजन वाला बेसन और वो वाला वाटर प्योरीफायर लेने की सिफारिश कर रही थीं. मतलब इनकी बात कोई कैसे टाले.
साठ के दशक की एक हिट स्टार थीं- आशा पारेख. अपने स्टारडम के दिनों में वे ब्यूटी सोप खरीदने की सिफारिश करती थीं. अब कोई उनसे चाय या चावल या आटा तक नहीं बिकवाता. कोई बड़ा आदमी है या नहीं, यह कैसे पता चले. सिंपल सा सेल टेस्ट है, जिससे आइटम बिकवाये जायें, जो तमाम आइटमों की सेल करे, वही बड़ा आदमी है. बाकी तो खरीदार आम आदमी हैं. आम आदमी खरीदता है, बड़ा आदमी खरीदवाता है. अमिताभ बच्चन के मुकाबले धर्मेंद्र जी आधे आइटम भी ना बिकवाते, मतलब अमिताभ बच्चन बड़े स्टार माने जायेंगे.
महिला क्रिकेटर मिताली राज बड़ी स्टार तब मान ली जायेंगी, जब वह शैंपू, स्कूटी, जींस से लेकर कार वगैरह तक की सेल में अपना योगदान देंगी. ऐसे ही कोई बड़ा ना हो जाता. यूं इस मुल्क ने बड़े-बड़े साइंटिस्ट पैदा किये हैं, पर उन्हे बड़ा क्यों ना माना जाता, क्योंकि उन्होंने किसी कोल्ड ड्रिंक या चाॅकलेट की सेल में अपना योगदान नहीं दिया.
उफ्फ, तो क्या बंदा हर बड़े आदमी द्वारा बतायी गयी चीज को खरीदता ही रहे? जी हां, जब तक बंदा खुद बड़ा आदमी ना हो जाये, उसका काम बड़े आदमी के बताये के हिसाब से खरीदना ही है.

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