उन्मादियों पर नकेल जरूरी है

‘सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का’ इस कहावत को चरितार्थ करते हुए कुछ नकली गोभक्त और देशभक्ति का राग अलापने वाले कुछ लोग कानून व्यवस्था को धत्ता बताते हुए सड़कों पर हुडदंग कर रहे हैं. इनके कोप का शिकार आम जनता हो रही है. किसी की हिम्मत नहीं कि इनकी हरकतों पर लगाम लगा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 19, 2017 6:24 AM
‘सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का’ इस कहावत को चरितार्थ करते हुए कुछ नकली गोभक्त और देशभक्ति का राग अलापने वाले कुछ लोग कानून व्यवस्था को धत्ता बताते हुए सड़कों पर हुडदंग कर रहे हैं. इनके कोप का शिकार आम जनता हो रही है. किसी की हिम्मत नहीं कि इनकी हरकतों पर लगाम लगा सके. प्रधानमंत्री जी भी सिर्फ अपील करते हुए ही नजर आते हैं, तो यह काम राज्य सरकार के बूते के बाहर दिखती है.
विदेशी रक्षा विशेषज्ञों ने भारत को अगाह करते हुए कहा है कि उन्मादियों के शिकार हुए लोगों के माध्यम से आतंकी संगठन अपनी पैठ बनाना शुरू कर दिया है. प्रभावितों के बीच सहानुभूति और लालच का जाल फैलाकर. अत: सरकार इन उन्मादियों पर कारवाई करे.
धीरज कुमार, रांची

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