पुलिस की ड्यूटी

संतोष उत्सुक स्वतंत्र टिप्पणीकार शहर के सारे चोर बड़ी ही होशियारी से अपना काम कर रहे थे. तभी तो पुलिस चाह कर भी उनको काबू में नहीं कर पा रही थी. इस मसले को लेकर सामुदायिक भवन में आम जनता व पुलिस की बैठक हुई, जिसमें मेरी पत्नी ने जाना चाहा. वहां से आकर उन्होंने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 20, 2017 6:12 AM

संतोष उत्सुक

स्वतंत्र टिप्पणीकार

शहर के सारे चोर बड़ी ही होशियारी से अपना काम कर रहे थे. तभी तो पुलिस चाह कर भी उनको काबू में नहीं कर पा रही थी. इस मसले को लेकर सामुदायिक भवन में आम जनता व पुलिस की बैठक हुई, जिसमें मेरी पत्नी ने जाना चाहा. वहां से आकर उन्होंने कहा, बैठक में बताया गया कि पुलिस को दी गयी दूसरी जिम्मेवारियों से ही फुर्सत नहीं मिलती, इसलिए आम जनता को स्वयं कुछ उपाय करने चाहिए.

पत्नी ने बैठक में सुझाये उपाय बताने शुरू किये.घर पर अधिक नकदी व कीमती जेवरात, सोना-चांदी आदि न रखें. अगर नकदी की ज्यादा जरूरत हो, तो पड़ोसियों से मांग कर शर्मिंदा न हों. सभी असली जेवरात बैंक लॉकर में रख दें, व घर पर लेटेस्ट ट्रेंड के नकली गहने पहनें.

कभी ट्रैफिक जाम की वजह से बैंक लेट पहुंचें, तो अच्छी बात यह होगी कि शादी में जाने से आप और शगुन दोनों बचेंगे. खरीदी गयी सभी वस्तुओं के बिल, लिखित ब्योरा व वीडियो बना कर रखें तथा किसी ‘सही’ बंदे से उनका बीमा भी करवा लें, ताकि चोरी होने की स्थिति में पुलिस व बीमा कंपनी को लिस्ट आसानी से दी जा सके. यदि इसकी वसूली न हो पाये, तो कम-से-कम शोक तो पूरा मना सकें, लिस्ट देख कर सबको बार-बार बता सकें कि क्या-क्या चोरी हुआ है और कहीं से भी पैसा आने की स्थिति में वही चीजें दोबारा खरीदी जा सकें. ज्यादा शॉपिंग ऑनलाइन ही करें.

कभी न कभी अपने पड़ोसियों को भी यह सब बतायें, ताकि उन्हें ऐसा करने की प्रेरणा मिले. रिश्ते कायम रहें, इसलिए उन्हें व्हॉट्सएप करते रहें. मकान के बाहर रंगरोगन न करवायें एवं खिड़की का शीशा टूट जाये, तो गत्ता फंसा दें, ताकि चोरों को लगे कि अंदर फटेहाल लोग रहते हैं.

सुरक्षा कर्मचारियों को त्योहारों पर गीला व सूखा दोनों तरीकों से खुश करें. गाड़ी के कागजात सिरहाने रख कर सोयें. मकान में लोहे की ग्रिल्स लगवा कर जेल जैसा करवा लें एवं खूब ताले लगायें, ताकि चोर तो क्या प्रदूषित हवा भी अंदर न जा सके.

अब जरूरी हो गया है कि हम कुत्ते वाले बिस्किट खायें, ताकि अपनी चीजों के प्रति वफादारी बढ़े.

हां, दिन में दफ्तर से भाग-भाग कर और रात को जाग-जाग कर निगरानी करें. बिस्किट ‘औरों’ को भी खिलाने की कोशिश करें, ताकि वे भी वफादार होने लगें.

अगर यह सब हमने करना है, तो पुलिस क्या करेगी? मैंने पूछा.पत्नी ने जवाब दिया- अब उनकी ड्यूटी चोर-उच्चकों, गुंडों, बेचारे नेताओं व वीआइपीज की रक्षा करना रह गया है. पुलिस की ड्यूटी बदल चुकी है.

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