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हेल्थकेयर में बनाना चाहते हैं करियर तो फार्मेसी है सबसे अच्छा विकल्प, जानिए कहां मिलेगा मौका

नयी दिल्ली: स्वास्थ्य के क्षेत्र में करियर बनाने के वैसे तो तमाम विकल्प होते हैं, लेकिन फार्मेसी में जाना अच्छे करियर के लिए लिहाज से समझदारी भरा फैसला माना जाता है. डिग्री या डिप्लोमा पूरा करने के बाद जहां इंडस्ट्री, हॉस्पिटल, रिटेल आदि में जॉब के मौके मिलते हैं, वहीं एमफार्मा के बाद आप आगे […]

नयी दिल्ली: स्वास्थ्य के क्षेत्र में करियर बनाने के वैसे तो तमाम विकल्प होते हैं, लेकिन फार्मेसी में जाना अच्छे करियर के लिए लिहाज से समझदारी भरा फैसला माना जाता है. डिग्री या डिप्लोमा पूरा करने के बाद जहां इंडस्ट्री, हॉस्पिटल, रिटेल आदि में जॉब के मौके मिलते हैं, वहीं एमफार्मा के बाद आप आगे रिसर्च और डेवलपमेंट में करियर की नयी ऊंचाइयों को छू सकते हैं. जानते हैं फार्मेसी में करियर, कोर्स, संभावनाओं आदि के साथ जीपैट-2020 परीक्षा के बारे में…

हेल्थ और केमिकल साइंस का व्यापक अध्ययन

फार्मेसी साइंस की वो विशिष्ट शाखा है, जिसमें हेल्थ साइंस और केमिकल साइंस का व्यापक अध्ययन होता है. दवाओं के विकास, उत्पादन, वितरण और खोज से जुड़ी इस विधा में करियर बनाने के तमाम तरह के मौके हैं. हेल्थकेयर टीम में फार्मासिस्ट की भूमिका मेडिकेशन एक्सपर्ट की होती है, जो जरूरी सूचना और सुझावों द्वारा मरीजों की मदद करता है.

लगातार तरक्की के जरूरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट

मरीज के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए जरूरी है कि फार्मासिस्ट के पास अपने क्षेत्र का पर्याप्त ज्ञान, स्किल और अनुभव हो. फार्मेसी में स्नातक करने के बाद आप ड्रग्स और इसे इस्तेमाल करने के पैटर्न से वाकिफ हो जाते हैं. लेकिन, इस क्षेत्र में लगातार तरक्की करते रहने के लिए आपको रिसर्च व डेवलपमेंट का रुख करना होगा. मुख्य तौर पर हॉस्टिपल फार्मासिस्ट, रिटेल फार्मासिस्ट, इंडस्ट्रियल फार्मासिस्ट और रिसर्च फार्मासिस्ट के रूप में आपके सामने बेजोड़ करियर राहें हैं.

फार्मेसी में डिग्री या डिप्लोमा से मिल जाएगा मौका

फार्मासिस्ट के तौर पर करियर बनाने के लिए न्यूनतम जरूरी योग्यता है कि आपके पास फार्मेसी में डिग्री या डिप्लोमा हो. आप दो वर्षीय डिप्लोमा ऑफ फार्मेसी (डीफार्मा) या चार वर्षीय बैचलर ऑफ फार्मेसी (बीफार्मा) कर सकते हैं. इसके बाद छह महीने की फार्मेसी इंटर्नशिप की जरूरत होती है. आपकी डिग्री या डिप्लोमा मान्यता प्राप्त संस्थान/ विश्वविद्यालय से होना चाहिए. बीफार्मा के बाद मास्टर ऑफ फार्मेसी (एमफार्मा) कर सकते हैं.

इन विविध क्षेत्रों में मिलेगा करियर का मौका

फार्मास्युटिकल्स साइंसेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद रिसर्च व डेवलपमेंट, एनालिसिस व टेस्टिंग, प्रोडक्शन, मार्केटिंग और हॉस्पिटल्स आदि में करियर बनाने के भरपूर मौके हैं. पढ़ाई के दौरान बायोलॉजी, केमिस्ट्री और इंजीनियरिंग की आधारभूत जानकारी होने से इसका फायदा फार्मास्युटिकल्स के अलावा अन्य क्षेत्रों, जैसे- हेल्थकेयर, एफएमसीजी, एजुकेशन, एग्रीकल्चर, केमिकल, कॉस्मेटिक्स और सरकारी जॉब्स में मिलता है.

फार्मेसी में हमेशा मिलती रहेगी नयी संभावनाएं

हेल्थकेयर एक ऐसा क्षेत्र है, जो आर्थिक उतार-चढ़ाव, महंगाई या मंदी से ज्यादा प्रभावित नहीं होता. ऐसे में बेरोजगार होने का खतरा न्यूनतम होता है. इसका दूसरा फायदा है कि आप एंटरप्रेन्योरशिप में भी जा सकते हैं. इन सबसे जरूरी है कि फार्मेसी के प्रति आपका अटूट लगाव हो, आप प्रो-एक्टिव और कुछ अलग सोचने व करने वाले हों, तो आपके लिए हमेशा अच्छे करियर की संभावनाएं बनी रहेंगी.

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