लंदन : इंग्लैंड के पहले विश्व कप खिताब जीतने के एक हफ्ते बाद भी कप्तान इयोन मोर्गन इस जीत से जुड़े सवालों से जूझ रहे हैं और उनका मानना है कि इस तरह का नतीजा उचित नहीं था.
मेजबान इंग्लैंड ने 50 ओवर का मैच और फिर सुपर ओवर भी टाई रहने के बाद लार्ड्स के मैदान पर अधिक बाउंड्री लगाने के कारण न्यूजीलैंड को पछाड़कर विश्व कप जीता. द टाइम्स’ ने मोर्गन के हवाले से कहा, मुझे नहीं लगता कि इसे जीतने से स्थिति आसान हुई है. जब दोनों टीमों के बीच बेहद कम अंतर था तब मुझे नहीं लगता कि इस तरह का नतीजा उचित है.
उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि कोई एक लम्हा था जब आप कह सको कि इसके कारण असल में मैच गंवाया. यह काफी संतुलित था. माना जा रहा था कि विजेता टीम का हिस्सा होना पर्याप्त होगा, लेकिन जीत के तरीके से मोर्गन परेशान महसूस कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि अगर वह हारने वाली टीम का हिस्सा होते तो स्थिति और बदतर होती.
उन्होंने कहा, थोड़ा-बहुत (परेशान हूं) क्योंकि ऐसा कोई निर्णायक लम्हा नहीं था कि हम कह सके कि हां, हम इसके हकदार थे। यह अजीब है. बेशक, हारने पर हालात और अधिक मुश्किल होते.
मैच में हालांकि एक टर्निंग प्वाइंट रहा जब इंग्लैंड की पारी के अंतिम ओवर में मार्टिन गुप्टिल की थ्रो बेन स्टोक्स के बल्ले से टकराकर सीमा रेखा को पार कर गई और मेजबान टीम को छह रन दिए गए. बाद में नियमों के विश्लेषण से सुझाव मिला कि इंग्लैंड को पांच रन दिए जाने चाहिए थे.