क्रिस श्रीकांत
इतने बड़े मंच पर भारत-पाकिस्तान का मुकाबला देखने से ज्यादा रोमांचक और क्या हो सकता है? कड़े प्रतिद्वंद्वियों के बीच मुकाबलेइतने कम हो गये हैं कि प्रशंसकों के पास अब सिर्फ वैश्विक स्तर पर खेले जानेवाले मल्टी टीम टूर्नामेंट्स ही देखने को बचे हैं. किसी भी एक टीम को सीधे तौर पर विजेता कहना हमेशा मुश्किल होता है.
जब इन दो महारथियों की भिड़ंत होती है, तो किसी भी तरह का इतिहास काम नहींआता है. हालांकि ये जरूर सभी जानते हैं कि भारत ने विश्व कप में हमेशा ही पाकिस्तान को धूल चटायी है. मेरे विचार में इसका कारण है पाकिस्तान का भारत को हराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर न लगाना है. इसकी कीमत उसे छह बार हारकर चुकानी पड़ी है. इसका एक उदाहरण है 2017 की चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला है, जिसमें पाकिस्तान ने जीत दर्ज की थी. पाकिस्तान को अपना नैचुरल गेम खेलना चाहिए.
पाकिस्तान जब आक्रामक क्रिकेट खेलता है, तो वो बहुतखतरनाक साबित होता है. पाकिस्तान की तेज गेंदबाजी और भारत के शीर्ष बल्लेबाजों के बीच मुकाबला देखनेवाला होगा. भारत शिखर धवन को मिस करेगा. उनकी गैरमौजूदगी में भीटीम के पास काफी ताकत है. आमिर और रियाज ने अभी तक बेहतरीन गेंदबाजी की है. उनके पहले स्पेल का कैसे इस्तेमाल किया जाता है, इसी से मैच का रुखतय होगा. कोहली और राहुल के पास ये क्षमता है कि वो पूरे मैच को अपने कंधों पर उठा सकते हैं. अगर दोनों ही 50 में से 30 ओवर खेल लेते हैं, तो उनकी टीम को इससे काफी फायदा होगा.
जहां तक टीम के चयन की बात है, अगर परिस्थितियां सामान्य रहीं और बारिश नहीं हुई, तो रवींद्र जड़ेजा को धवन की जगह खेलने का मौका मिलना चाहिए. इससे मिडिल ओवर में कोहली को ज्यादा विकल्प मिलेंगे. अगर परिस्थितियां सामान्य नहीं रहती हैं, तो मैं विजय शंकर का नाम लेना चाहूंगा. वह बल्लेबाजीऔर गेंदबाजी दोनों में ही बेहतर हैं. हालांकि फील्डिंग विभाग में उन्हें मजबूत सहारे की जरूरत होगी. पाकिस्तान की टीम को लेकर काफी अनिश्चितता है. वह दमदार प्रदर्शन भी कर चुका है और करारी मात भी खा चुका है. वहीं भारत को पूर आत्मविश्वास सेभरपूर होना चाहिए, क्योंकि अब तक खेले गये दो मैचों में उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है. मुझे लगता है कि इस मुकाबले में भारतीय टीम का पलड़ा भारी रहेगा. पाकिस्तान की गेंदबाजी और भारतीय टीम का प्रदर्शन इस मुकाबले को और रोमांचक बनायेगा. (टीसीएम)