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IND vs NZ: जिस बॉल पर आउट हुए धौनी, वो नो बॉल थी!, सोशल मीडिया पर दिए जा रहे तर्क

वर्ल्ड कप 2019 का पहला सेमीफाइनल मैच. इंडिया बनाम न्यूज़ीलैंड. टीम इंडिया को आखिरी दो ओवरों में 31 रन चाहिए थे. धौनी ने फर्गुसन की पहली गेंद छक्के के लिये भेजी. अगली गेंद डॉट बॉल रही. तीसरी गेंद पर पर तेजी से दो रन चुराने के प्रयास में मार्टिन गुप्टिल के सीधे थ्रो पर रन […]

वर्ल्ड कप 2019 का पहला सेमीफाइनल मैच. इंडिया बनाम न्यूज़ीलैंड. टीम इंडिया को आखिरी दो ओवरों में 31 रन चाहिए थे. धौनी ने फर्गुसन की पहली गेंद छक्के के लिये भेजी. अगली गेंद डॉट बॉल रही. तीसरी गेंद पर पर तेजी से दो रन चुराने के प्रयास में मार्टिन गुप्टिल के सीधे थ्रो पर रन आउट हो गये. और यहीं से टीम इंडिया की हार तय हो गयी.

धोनी ने 72 गेंदों में 50 रन बनाए. मैच को लेकर सोशल मीडिया पर वीडियो और फोटो वायरल हो रहे हैं, जिनमें लोग भारत की हार के लिए अंपायर के गलत फैसले को जिम्मेदार बता रहे हैं.

सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि धौनी जिस गेंद पर रन आउट हुए थे उसे उसे नो बॉल दिया जाना चाहिए था. ट्विटर यूजर्स का कहना है कि अंपायर ने धोनी के रन आउट के फैसले में पावर प्ले के दौरान फील्डिंग के नियमों को नजरअंदाज किया. लोगों का कहना है कि तीसरे पावर प्ले में 30 गज के दायरे के बाहर अधिकतकम 5 खिलाड़ी ही बाहर रह सकते हैं, लेकिन धौनी के रन आउट के वक्त 6 खिलाड़ी सर्कल से बाहर थे. ऐसे में अंपायर्स को इसे नो बॉल देना चाहिए था.

https://twitter.com/Sandy44795403/status/1148966808285618176?ref_src=twsrc%5Etfw

हालांकि ये बताया जा रहा कि यह टीवी ग्राफिक्स की गलती थी. इस बात पर अभी तक कोई भी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है. हो ये भी सकता है कि लाइव ग्राफिक्स में कुछ तकनीकी दिक्कत हो और हो ये भी सकता है ऐसा वाकई हुआ हो. जो भी हो, चीजें अभी साफ नहीं हैं. ऐसे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है. बावजूद लोगों ने ट्वटर पर जमकर भड़ास निकाली है.

सोशल मीडिया पर दिए जा रहे तर्क
– नो बॉल में रन आउट तो होता ही है. तो धौनी तो आउट दिए ही जाते
– कुछ लोगों ने कहा कि अगर यह नो-बॉल होती तो धोनी को फ्री हिट खेलने को मिलता. ऐसे में धोनी रन भागने का जोखिम भी न उठाते क्योंकि नॉन स्ट्राइकिंग एंड पर भुवनेश्वर कुमार थे. जब किसी टीम को 10 गेंदों में 25 रन बनाने हों और फ्री हिट मिल जाए तो मैच का नतीज़ा पलट सकता है वो भी तब जब धोनी जैसा बल्लेबाज स्ट्राइक पर हो.
– लोग कह रहे हैं कि अगर ये नो बॉल होती और धोनी 2 रन ले भी लेते तब भी आउट होने की संभावना कम होती क्यूंकि तब फ़ील्ड अलग तरीके से सजा होता.
– लोग ये भी कह रहे हैं कि ये सिस्टम की एरर है, क्यूंकि जीपीएस को अपडेट होने में टाइम लगता है, और बॉल होने तक सारे खिलाड़ी फील्डिंग में इस तरह से सेट हो गये थे कि उस वक्त 30 गज के घेरे से बाहर 5 ही खिलाड़ी थे.
एक यूजर ने ट्वीट किया कि कितनी बढ़िया अंपायरिंग..? महेंद्र सिंह धोनी को रन आउट नहीं दिया जाना चाहिए था क्योंकि गेंद नो बॉल थी. धोनी को खेलने चाहिए था और भारत जीतता. क्या महान वर्ल्ड कप है? क्या महान अंपायरिंग है?

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