34.1 C
Ranchi
Friday, March 29, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

कभी नहीं ली पूर्व सांसद की पेंशन और सरकारी सुविधा, इन नेताओं ने कहा….

ए के राय ने पूर्व सांसद को मिलने वाली पेंशन और अन्य सरकारी सुविधा नहीं ली. जब तक उनकी चली उन्होंने सेंट्रल अस्पताल में अपने इलाज का बिल भुगतान कियाय. राय दा नौवीं लोक सभा (1989-91) के इकलौते सांसद थे, जिन्होंने पूर्व सासंदों को पेंशन दिये जाने का विरोध किया था. संसद में उन्होंने 12 […]

ए के राय ने पूर्व सांसद को मिलने वाली पेंशन और अन्य सरकारी सुविधा नहीं ली. जब तक उनकी चली उन्होंने सेंट्रल अस्पताल में अपने इलाज का बिल भुगतान कियाय. राय दा नौवीं लोक सभा (1989-91) के इकलौते सांसद थे, जिन्होंने पूर्व सासंदों को पेंशन दिये जाने का विरोध किया था. संसद में उन्होंने 12 मार्च 1991 को इस प्रस्ताव के विरोध में मजबूत तर्क दिया था. अपने संबोधन में उन्होंने उस समय लोकपाल बिल नहीं ला पाने को संसद की सबसे बड़ी नाकामी बताया था.
ऐतिहासिक भाषण महाशय,
मैं कहना चाहता हूं, हम भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए काफी अर्से से लंबित लोकपाल विधेयक को अब तक सदन में लाने में नाकामयाब रहे हैं. हम युवाओं के लिए बेहतर रोजगार मुहैया कराने में अब तक कामयाब नहीं हुए हैं. हम अब तक विधायिका के माध्यम से मजदूरों के लिए प्रबंधन कमेटी में जगह बनाने में कामयाब नहीं रहे हैं. हम लोगों ने बजट के माध्यम से किसानों को मिलने वाली सब्सिडी को वापस ले लिया है. इन मामलों में हम सभी क्षेत्र में नाकामयाब रहे हैं. हम जनता की कोई सेवा नहीं कर रहे हैं. आज यह सदन एक भटकाव की अोर अग्रसर है और ऐसे में हम इस सदन में अपने लिए सुविधाएं बढ़ाने में लगे हुए हैं.
महाशय, मैं कहना चाहता हूं, हमने कोई बहुत बड़ी उपलब्धि नहीं हासिल कर ली है. मैं पेंशन के खिलाफ नहीं हूं. लेकिन यह पेंशन सदन के उस सदस्य को मिलना चाहिए, जो राजनीति से सेवानिवृत हो रहे हैं.
पेंशन का अर्थ है, पेंशन कोई सांत्वना पुरस्कार नहीं है. यह बेरोजगारों को मिलने वाला सरकारी लाभ भी नहीं है. यह संविधान में ही उल्लेखित समानता के मूल सिद्धांत के विरुद्ध है. मान लीजिए कि एक पूर्व सांसद चुनाव लड़ते हैं और हार जाते हैं वहीं एक आम आदमी भी चुनाव लड़ता है और हार जाता है. लेकिन यहां आम आदमी को कुछ नहीं मिलेगा जबकि पूर्व सांसद पेंशन का हकदार होगा. इसलिए मेरा सुझाव है कि इस विधेयक में यह प्रस्ताव होना चाहिए कि सेवानिवृत्त होने पर ही पूर्व सांसदों को पेंशन मिलेगी.
महाशय, इस सदन में कई पूर्व प्रधानमंत्री, मंत्री व कई सम्मानित सदस्य भी मौजूद हैं. आगे हमें जनता का सामना करना है. वे हम से पूछेंगे कि हम लोगों ने क्या किया है. महाशय, हम लोग आम लोगों के लिए कुछ करने की जगह अपने लिए सुविधाएं बढ़ाने में लगे हुए हैं. मैं आप से कहना चाहता हूं कि आपको भी जनता का सामना करना है, सभी सम्मानित सदस्यों के पास जनता के सवालों का क्या जवाब होगा? हमने देश के साथ न्याय नहीं किया है. इसलिए मैं इस प्रस्ताव का विरोध करता हूं.
सृजनशीलता से राजनीति में अपनी अलग जगह बनायी
रांची : एके राय के निधन पर राज्यसभा उपसभापति हरिवंश ने शोक जताया है. अपने शोक संदेश में कहा है कि कामरेड एके राय का जाना सिर्फ झारखंड ही नहीं, बल्कि देश की वैचारिक राजनीति के लिए नुकसान है. श्री राय ने झामुमो के गठन में शिबू सोरेन व स्व विनोद बिहारी महतो के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. इमरजेंसी में वे जेल में रहे. श्री राय ने निजी जीवन मूल्यों, अपनी सृजनशीलता और जनपक्षधरिता से भारतीय राजनीति में अपनी अलग जगह बनायी.
वे वैचारिक रूप से कम्युनिस्ट नेता थे. समतावादी विचारों और राजनीतिक धारा के प्रबल समर्थक.श्री राय का व्यक्तित्व ऐसा था कि वैचारिक या राजनीतिक असहमति रखनवाले भी न सिर्फ उनका आदर करते रहे, बल्कि उनसे सीखते भी रहे. अपने विचारों के प्रति वे इतने दृढ़ और संकल्पवान थे कि कई बार अकेले पड़ने पर भी बिना किसी के साथ की परवाह किये, अपनी बात पर अड़े रहते थे. वह थे तो साम्यवादी पर उनका निजी जीवन गांधीवादी रहा. न अपनी संपत्ति, न कोई निजी संग्रह. हरिवंश ने कहा कि विचारों और सरोकारों का मेल करवाकर राजनीति को कैसे उसके असल उद्देश्य या मकसद की ओर ले जाया जाता है, कामरेड राय ने आजीवन वही किया.
जीवन भर संघर्ष किया : शिबू
बोकारो. एक राय एक असाधारण मनुष्य थे. उन्हें महापुरुष कहा जा सकता है. एके राय के निधन से झारखंड को अपूरणीय क्षति हुई है. उनका जाना हमसब के लिए आघात से कम नहीं है. जब मैंने सुना की राय दा का निधन हो गया है. मुझे काफी दुख पहुंचा. हमने कई साल साथ बिताये थे. साथ-साथ खाना खाया. साथ-साथ संघर्ष किया. आज हमारे बीच नहीं है. सुन कर मुझे विश्वास नहीं हो रहा है. यह बातें पूर्व मंत्री सह झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन ने रविवार को चीरा चास स्थित फार्म हाउस पर रविवार को कही. श्री सोरेन ने फार्म हाउस पर एके राय को श्रद्धांजलि दी.
ईमानदारी की मिसाल थे : मुंडा
खरसावां. जनजाति मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने पूर्व सांसद एके राय के निधन पर शोक व्यक्त किया है. श्री मुंडा ने अपने शोक संदेश में कहा कि स्व राय सादगी व ईमानदारी के मिसाल थे. श्री मुंडा ने शीला दीक्षित व रामविलास पासवान के छोटे भाई रामचंद्र पासवान के निधन पर दुःख व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि दी है.
मजदूरों की आवाज थे: हेमंत
रांची. नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने पूर्व सांसद एके राय के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी नेता स्व राय मजदूरों की आवाज थे. उनके संघर्ष को लंबे समय तक याद रखा जायेगा. उन्होंने कहा कि ईश्वर दुख की इस घड़ी में स्व राय के परिजनों को धैर्य व दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे.
You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें