36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

पाकिस्तान में कई हिंदू, जिनका सिनेमा से फैशन तक बोलबाला

3 आ रहा बदलाव हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान का एक और भी चेहरा है, जिसे हम नहीं जानते, जिसके बारे में हमें नहीं बताया जाता. पढ़िए कहानी उस पाकिस्तान की, जहां कारोबार-व्यापार से लेकर फैशन, सिनेमा, खेल, लोकसंगीत और राजनीति तक में हिंदुओं का न सिर्फ हस्तक्षेप, बल्कि बोलबाला है, वर्चस्व है. निराला बिदेसिया पि […]

3 आ रहा बदलाव

हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान का एक और भी चेहरा है, जिसे हम नहीं जानते, जिसके बारे में हमें नहीं बताया जाता. पढ़िए कहानी उस पाकिस्तान की, जहां कारोबार-व्यापार से लेकर फैशन, सिनेमा, खेल, लोकसंगीत और राजनीति तक में हिंदुओं का न सिर्फ हस्तक्षेप, बल्कि बोलबाला है, वर्चस्व है.
निराला बिदेसिया
पि छले दिनों चल रही एक बतकही में एक सज्जन ने एक-एक कर फुटकर तौर पर पाकिस्तान में हिंदुओं के बारे में अपना पिटारा खोलना शुरू किया, तो एक अध्याय ही बन गया. दिलचस्पी बढ़ती गयी. ऐसी-ऐसी जानकारियां, जिन्हें हम हिंदुस्तानी पॉपुलर फ्रंट पर या तो कम जानते हैं या हमें कम बताया ही जाता है. अगर कुछ जानते भी हैं, तो उसकी बहुत चर्चा नहीं होती. जिस संदर्भ में चर्चा होती है, बात वहीं तक सिमट कर रह जाती है.
जैसे- दानिश कनेरिया पाकिस्तानी क्रिकेट टीम में शामिल हुए, तो हम जाने कि अरे यार, वहां की टीम में तो हिंदू शामिल हुआ है! एक जमाने में, जब इमरान खान पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कप्तान हुआ करते थे, तब अनिल दलपत उस टीम का हिस्सा बने थे, एक स्टार विकेटकीपर के रूप में. तब बात निकली थी. ऐसे ही मौके-बेमौके बात निकलती है. जब जस्टिस राणा भगवान दास पाकिस्तान के चीफ जस्टिस बने और सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें वहां के पब्लिक सर्विस कमीशन का चेयरमैन बनाया गया,
तो हम जान सके कि अरे वाह, यह तो गजब है कि पाकिस्तान ने एक हिंदू को पहले मुख्य न्यायाधीश बनाया और फिर उसे पीएससी का प्रमुख बना दिया. या कि कभी-कभार एक खास वर्ग राणा चंदर सिंह के बारे में सुनता रहा है. राणा चंदर सिंह अब दुनिया में नहीं हैं. वह सात बार उमरकोट से पाकिस्तानी पीपुल्स पार्टी की ओर से नेशनल एसेंबली में नुमाइंदगी करनेवाले पाकिस्तान के हिंदू नेता थे. वह पाकिस्तान में लेबर इंडस्ट्री मंत्री भी बने. पाकिस्तानी राजनीति में उनकी हनक और खनक रही.
वह वहां हिंदू राजनीति के सबसे मजबूत चेहरा थे. ऐसी ही छिटपुट बातें कभी-कभार जानते हैं हम, लेकिन पाकिस्तान में हिंदुओं के उभार की दुनिया इन्हीं चंद नामों तक सिमटी हुई नहीं है और न ही पाकिस्तान में हिंदू होने का मतलब सिर्फ विडंबनाओं के भंवरजाल में फंस अंतहीन पीड़ा से गुजरते रहना है. पाकिस्तान में सिनेमा से लेकर फैशन इंडस्ट्री तक पर हिंदुओं का एक तरीके से आधिपत्य जैसा है.
एक हैं दीपक पारवानी. इन्हें पाकिस्तानी फैशन इंडस्ट्री का टाइकून कह सकते हैं. पाकिस्तान में इनके प्रोडक्ट के कई आउटलेट हैं, चेन हैं. बड़े और चर्चित लोगों का ड्रेस तो डिजाइन करते ही हैं, पाकिस्तान में शादियों के ड्रेस डिजाइन में इनकी कोई सानी नहीं. अब तो नामी और बड़े पाकिस्तानी स्कूलों के स्कूल ड्रेस बनाने में भी इनकी कंपनी का जलवा जमता जा रहा है.
दीपक के छोटे भाई हैं नवीन पारवानी. नवीन वहां के चर्चित स्नूकर प्लेयर रहे हैं. एशियन गेम्स में पाकिस्तान के लिए कांस्य पदक लाने का श्रेय उनके नाम है. पाकिस्तानी फिल्मी दुनिया में एक बड़ी कंपनी है एवरेडी पिक्चर्स. इसके संस्थापक थे जेसी आनंद. अब वह दुनिया में नहीं हैं. उनके बेटे सतीश आनंद इसे चलाते हैं. पाकिस्तानी फिल्मी इंडस्ट्री में यह प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन की शीर्षस्थ कंपनियों में एक है. पाकिस्तानी लोकगीतों की दुनिया में एक बड़े नाम कृष्णलाल मेल हैं.
मारवाड़ी, पंजाबी और उर्दू भाषा के लोकगीत गाते हैं. पाकिस्तान के बौद्धिक दुनिया में अब सोमो गियान चंदानी का नाम लिया जाता है. वह वहां के प्रसिद्ध समाजशास्त्री तो थे ही, साहित्य में भी उनका नाम था. इन्हें पाकिस्तान का सर्वश्रेष्ठ साहित्यिक सम्मान ‘कमाल-ए-फन’ मिला था.
राजनीति की बात करें तब तो फेहरिस्त लंबी है. पाकिस्तानी पीपुल्स पार्टी के खाटूमल जीवन, जमीयत ए उलेमा इस्लाम के हमीनदास, सिंध नेशनल एसेंबली के चेतनमल अरवानी, डॉ महेश कुमार मलानी, सिंध के चर्चित नेता ईश्वरलाल, रीता ईश्वर, नंद कुमार जैसे कई नाम आते हैं. इन्हीं में डॉ ताराचंद जैसे नेता भी हैं, जो बलूचिस्तान में मंत्री थे और पाकिस्तान ने उन्हें बलूचिस्तान इंटरनेशनल लीग फॉर पीस एंड फ्रीडम का महासचिव बनाया. पत्रकारिता में सुरेंद्र वालसी जैसे चर्चित और अनुभवी पत्रकार भी वहां के प्रमुख पत्रकारों में शामिल हैं,
तो एक्सप्रेस ट्रिब्यून की प्रियंका राजानी जैसी युवा पत्रकार भी. मिर्ची की दुनिया में बड़े कारोबारी, मिर्ची किंग हिंदू ही हैं. इन नामों से साफ है कि हिंदुस्तान- पाकिस्तान के रिश्ते को सिर्फ सियासी, सेना और धर्म के रिश्ते के आधार पर ही जानते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें