39.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

आयोडिन की कमी से हो सकती हैं कई बीमारियां, गर्भवती महिलाओं को हो सकती है ज्‍यादा समस्याएं

आयोडिन एक ऐसा तत्व है, जिसकी संतुलित मात्रा हमारे भोजन में होना बहुत जरूरी है. जन्म के बाद हमारे शारीरिक व मानसिक विकास में इस मिनरल का महत्वपूर्ण रोल होता है. इसकी कमी से कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए गर्भावस्था के दौरान ही बच्चे के विकास के लिए आयोडिन का […]

आयोडिन एक ऐसा तत्व है, जिसकी संतुलित मात्रा हमारे भोजन में होना बहुत जरूरी है. जन्म के बाद हमारे शारीरिक व मानसिक विकास में इस मिनरल का महत्वपूर्ण रोल होता है. इसकी कमी से कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए गर्भावस्था के दौरान ही बच्चे के विकास के लिए आयोडिन का पर्याप्त सेवन बहुत जरूरी है.
मेटाबोलिक रेट को करता है कंट्रोल : आयोडिन हमारे मेटाबोलिक रेट को कंट्रोल करता है. यह ब्लड सर्कुलेशन और हार्ट रेट को नियमित रखता है तथा मस्तिष्क के विकास में सहायक होता है. आयोडिन शरीर की सकारात्मक ऊर्जा को नियंत्रित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है तथा बिना फैट को जमा किये कैलोरीज का सही प्रयोग में सहायता करता है.
आयोडिन से होनेवाले स्वास्थ्य फायदों में स्वस्थ एवं चमकती त्वचा की बनावट, दांत एवं बाल भी शामिल हैं. यह इम्यून सिस्टम को भी स्ट्रॉन्ग बनाता है, ताकि शरीर बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार रहे.
इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज : न्यूट्रिशनिस्ट एंड डाइटीशियन, रीमा हिंगोरानी मघयान का कहना है कि आयोडिन की कमी से होनेवाले रोगों में से शरीर में थायरॉइड हॉर्मोन की कमी होना है.
इसके आम लक्षण- त्वचा का सूखापन, नाखूनों और बालों का टूटना, कब्ज और भारी और कर्कश आवाज आदि हैं. इसकी कमी से वजन बढ़ने लगता है, ब्लड में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है और सर्दी बहुत अधिक लगती है.
असल में इसकी कमी से दिमाग बहुत धीमी गति से काम करता है और इससे दिमागी विकार भी हो सकते हैं. चेहरा फूल जाये या गले में सूजन (गले के अगले हिस्से में थाइरॉइड ग्लैंड में सूजन) आ जाये तो यह आयोडिन की कमी के लक्षण होते हैं. क्योंकि तब थाइरॉइड हॉर्मोन का बनना सामान्य से कम हो जाता है. इससे मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में बाधा आ जाती है.
इसकी कमी से हो सकता है गर्भपात : गर्भवती महिलाओं में आयोडिन की कमी से गर्भपात, नवजात शिशुओं का वजन कम होना, शिशु का मृत पैदा होना आदि लक्षण होते हैं.
आयोडिन हमारे शरीर के तापमान को भी नियमित करने में मदद करता है, जिससे सर्दी-गर्मी को हमारा शरीर सह पाता है. कई आयोडिन की कमी के लक्षण स्पष्ट नहीं हो पाते हैं. इसके लिए यूरिन या ब्लड टेस्ट करवाना ठीक रहता है, जिससे आयोडिन के लेवल को आसानी से चेक किया जा सकता है.
शरीर को कितना आयोडिन चाहिए : एक व्यक्ति को जीवनभर में एक छोटे चम्मच से भी कम आयोडिन की आवश्यकता पड़ती है. चूंकि आयोडिन शरीर में जमा नहीं रह सकता, इसलिए इसे दैनिक आधार पर लेना पड़ता है. रिसर्च से पता चला है कि महिलाओं को गर्भावस्था एवं स्तनपान के दौरान अपने आहार में पर्याप्त आयोडिन नहीं मिलता.
अपने आहार में आयोडिन शामिल करने का सबसे बेहतर तरीका आयोडिनयुक्त नमक का प्रयोग है. एक औसत भारतीय प्रतिदिन लगभग 10 से 15 ग्राम नमक का सेवन करता है. अपने दैनिक भोजन में आयोडिन युक्त नमक का इस्तेमाल करने से आपकी आयोडिन की दैनिक मात्रा पूरी हो जाती है.
जरूरी आयोडिन की मात्रा (डब्ल्यूएचओ)
गर्भवती महिलाओं को
200-220 माइक्रोग्राम प्रतिदिन आयोडिन आ‍वश्यक है.
स्तनपान करानेवाली महिलाओं को
250-290 माइक्रोग्राम प्रतिदिन आयोडिन आवश्यक है.
एक वर्ष से छोटे शिशुओं को
50-90 माइक्रोग्राम आयोडिन प्रतिदिन आवश्यक है.
1-11 वर्ष के बच्चों को
90-120 माइक्रोग्राम आयोडिन प्रतिदिन लेना चाहिए.
वयस्कों तथा किशोरों को
150 माइक्रोग्राम आयोडिन प्रतिदिन लेना आवश्यक है.
इन्हें खाने में करें शामिल
भुने आलू : भुने हुए आलू में लगभग 40 प्रतिशत आयोडिन पाया जाता है.
दूध : एक कप दूध में लगभग 56 माइक्रोग्राम आयोडिन पाया जाता है, साथ ही इसमें कैल्शियम और विटामिन-डी भी मिलता है.
मुनक्का : रोज तीन मुन्नके खाने से 34 माइक्रोग्राम आयोडिन आपके शरीर में जाता है.
दही : दही में लगभग 80 माइक्रोग्राम आयोडिन होता है, जो दिनभर की कमी को पूरा करता है.
सी-फूड : सी-फूड आयोडीन का बहुत अच्छा स्रोत होता है, इसलिए भोजन में इसे शामिल करें. इसके साथ ही इसमें मौजूद प्रोटीन से मस्तिष्क की नयी कोशिकाओं का निर्माण होता है.
रीमा हिंगोरानी मघयान
न्यूट्रिशनिस्ट एंड डाइटीशियन, रीमाज डाइट एंड वेलनेस क्लीनिक, नोएडा
बातचीत
हम रोज जितना नमक खाते हैं, वह ठीक तरह से हमारे शरीर में अब्जॉर्ब नहीं हो पाता, जिसकी वजह विटामिन-डी और कैल्शियम की कमी होती है. हम आयोडाइज्ड नमक खाने की सलाह देते हैं, पर इसके अलावा, आयोडिन के सर्वोत्तम प्राकृतिक स्रोत अनाज, दालें, ताजा खाद्य पदार्थ एवं पत्तेदार सब्जियां हैं. एक कप दूध रोज अवश्य पीएं.
दूध में 56 माइक्रोग्राम आयोडिन पाया जाता है, साथ ही इसमें कैल्शियम और विटामिन-डी भी मिलता है, जो हमारी हड्डियों को मजबूत बनाता है. दही का सेवन करें, एक कटोरी दही से 80 माइक्रोग्राम आयोडिन मिलता है, जो आपकी दिनभर की आयोडिन की जरूरत को पूरा करता है. मशरूम में भी यह प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. आलू के छिलके में आयोडिन, पोटैशियम और विटामिन पाया जाता है. सी-फूड आयोडिन का बहुत अच्छा स्रोत होता है.
कैसे चले कमी का पता
हमेशा थकान महसूस हो या जब दूसरों को गर्मी लग रही हो, उस वक्त आपको यदि ठंड महसूस हो.
काम में एकाग्रता की कमी होना या चीजों को लगातार भूलना.
अचानक वजन का बढ़ना.
चेहरे पर सूजन आ जाना.
बालों का तेजी से झड़ना.
कब्ज की शिकायत होना.
त्वचा का शुष्क हो जाना.
थायरॉइड ग्लैंड के बढ़ने से ठुड्डी और गर्दन के हिस्से का फैल जाना.
इनपुट : सुमन बाजपेयी, दिल्ली

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें