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आसान है स्टॉक मार्केट में प्रवेश करना, युवा निवेशक इन बातों का रखे ख्‍याल, सीधे बाजार से जुड़ना है तो करें ये उपाय

II प्रवीन मुरारका, निदेशक, पूनम सिक्युरिटीज II pravinmurarka5@gmail.com निवेश की दुनिया में कदम रखते समय सबसे पहले ख्याल आता है कि स्टॉक मार्केट यानी शेयर बाजार क्या होता है. इसमें कैसे निवेश किया जाता है. यह उत्सुकता भी बनी रहती है कि इस बाजार से कैसे पैसे कमाये जा सकते हैं. इसमें कितना जोखिम है. […]

II प्रवीन मुरारका, निदेशक, पूनम सिक्युरिटीज II
pravinmurarka5@gmail.com
निवेश की दुनिया में कदम रखते समय सबसे पहले ख्याल आता है कि स्टॉक मार्केट यानी शेयर बाजार क्या होता है. इसमें कैसे निवेश किया जाता है. यह उत्सुकता भी बनी रहती है कि इस बाजार से कैसे पैसे कमाये जा सकते हैं. इसमें कितना जोखिम है. कैसे सुरक्षित निवेश किया जा सकता है. आइए, जानते हैं इनसे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें …
स्टॉक मार्केट यानी शेयर बाजार में प्रवेश कर शेयरों की खरीद-बिक्री यानी ट्रेडिंग करना बहुत ही आसान है. कोई भी व्यक्ति किसी भी समय इससे जुड़ सकता है और जितना चाहे उतना निवेश कर सकता है. इसके लिए एक शेयर ब्रोकर की सहायता की जरूरत होती है. आगे बढ़ने से पहले आपको बता दें कि शेयर बाजार में प्रवेश करने का तीन तरीका होता है.
सीधे बाजार से जुड़ना
अगर आप सीधे तौर पर शेयर बाजार से जुड़ कर शेयरों की ट्रेडिंग करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको एक ट्रेडिंग और एक डीमैट एकाउंट की आवश्यकता होगी. ये दोनों एकाउंट किसी शेयर ब्रोकर या सब-ब्रोकर के सहयोग से खोले जा सकते हैं. डीमैट एकाउंट को खोलने के लिए पैन, आधार, फोटो और Rs 2999 की जरूरत होती है. इस रकम के जमा करने के बाद आपको आजीवन प्रति वर्ष Rs 472 शुल्क जमा करने की जरूरत नहीं पड़ती है और जब कभी भी आप इस एकाउंट को बंद करेंगे, तो आपको Rs 2000 वापस मिल जायेंगे.
दोनों एकाउंट खुल जाने के बाद आप अपने ब्रोकर के माध्यम से किसी भी कंपनी के शेयर की खरीद और बिक्री कर सकते हैं. आज ऑनलाइन के युग में आप ऑनलाइन ट्रेडिंग भी कर सकते हैं. हर शहर में सब-ब्रोकर उपलब्ध होते हैं. ब्रोकर के वेबसाइट या एप के माध्यम से कभी भी ट्रेडिंग अवधि में आप कहीं से भी ट्रेड कर सकते हैं.
सावधानी
यहां एक बात ध्यान देने की है. छोटे निवेशक और पहली बार ट्रेडिंग करने वालों को बहुत ही सावधानी से ट्रेडिंग करनी चाहिए. इस रास्ते में जोखिम बहुत हैं. बेहतर है कि शेयरों की चाल का लगातार अध्ययन करते रहें और ब्रोकर की सलाह को नजरअंदाज नहीं करें.
युवा निवेशक
युवा निवेशकों के लिए पूंजी बनाने का सबसे अच्छा अवसर प्रदान करता है. अगर 24-28 साल की उम्र से एक छोटी रकम भी निवेश प्रतिमाह किया जाता है, तो रिटायरमेंट के समय एक बड़ी पूंजी तैयार हो जाती है, जो बाद के जीवन के लिए बहुत उपयोगी होती हैं. इसके लिए लार्ज कैप और मिड कैप फंड में निवेश करना बेहतर होता है. इनके लिए एक गणना के अनुसार अगर 25 वर्ष की उम्र से प्रति माह Rs 5000 का निवेश अगले 30 वर्ष के लिए किया जाता है, तो कुल 18 लाख जमा राशि लगभग 3.66 करोड़ (औसतन 15 प्रतिशत के ब्याज को लेते हुए) हो जाती है.
म्यूचुअल फंड के माध्यम से जुड़ना
शेयर बाजार में प्रवेश करने का सुरक्षित माध्यम है म्यूचुअल फंड. किसी एक ही कंपनी के शेयर की खरीद न करते हुए कुछ चुनी हुई कंपनियों के शेयरों में अपनी हिस्सेदारी बना लें अगर इनमें से किसी एक या दो कंपनी की स्थिति बेहतर नहीं हो, तो उसका ज्यादा प्रभाव रिटर्न पर नहीं पड़ता, क्योंकि उस फंड के शेष कंपनियां उस कमी को पूरा कर देती हैं. अंतत: निवेशक को इसका लाभ मिलता है.
रिटायरमेंट के बाद मंथली इनकम के साथ पाएं पूंजी में ग्रोथ
रिटायरमेंट के बाद मासिक आय प्राप्त करने के लिए भी म्यूचुअल फंड एक बेहतर विकल्प है. पोस्ट ऑफिस और अन्य सरकारी योजनाओं में प्रति माह आय प्राप्त करने की जितनी भी योजनाएं हैं, उनमें लॉकिंग पीरियड होता और मूलधन में कोई बढ़ोत्तरी नहीं होती है, जबकि म्यूचुअल फंड में ऐसी योजनाएं भी हैं, जहां मासिक रिटर्न प्राप्त करने के बाद भी आपका मूलधन बढ़ता है.
केस 01
एक व्यक्ति ने अपने रिटायरमेंट से ठीक एक वर्ष पहले 01 दिसंबर 2007 को पांच लाख का निवेश म्यूचुअल फंड मासिक आय योजना में करता है, जिससे उसे रिटायरमेंट के बाद प्रतिमाह राशि प्राप्त होती रहे, पेंशन की तरह. पहली जनवरी 2009 से उसेे प्रति माह Rs 4000 मिलने लगा. जून 2015 तक पैसे निकालने के बाद भी उसका मूलधन बढ़ कर 6.49 लाख हो गया. यानी मंथली इनकम की ऐसी योजना है, जिसमें मूलधन भी बढ़ जाता है.
केस 02
इसी तरह एक व्यापारी ने अपने व्यवसाय को पुत्र को सौंपने के समय खुद के मासिक खर्च के लिए एक दिसंबर 2004 में 50 लाख रुपये म्यूचुअल फंड में लगाया. अगले महीने यानी जनवरी 2005 से वह प्रति माह 40 हजार मंथली इनकम पा रहा था. लगभग 11 साल तक इसी तरह पैसे प्राप्त करने के बाद 01.06.2015 को उसका मूलधन बढ़ कर 2.60 करोड़ हो गया. जबकि 2008 से 2014 तक बाजार की हालत अच्छी नहीं थी. इंडेक्स 21 से गिर कर आठ हो गया था.
यूलिप के माध्यम जुड़ना
यूलिप (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान) इक्विटी में निवेश करने का बेहतर विकल्प है. इसमें भी आप म्यूचुअल फंड के जैसे ही इक्विटी, डेब्ट या दोनों में एक साथ निवेश कर सकते हैं. इसमें बीमा भी जुड़ा होता है और इसकी अपनी लॉकिंग अवधि होती है, जिसके बाद ही आप रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं.
इसका सबसे बड़ा लाभ है कि इससे प्राप्त होने वाले रिटर्न पर टैक्स नहीं लगता. यह भी पूंजी विकसित करने का अच्छा तरीका है. इसमें किये गये निवेश पर आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत छूट का प्रावधान है. यूलिप में किये गये निवेश पर पिछले 15 साल में औसतन 14%-18% तक रिटर्न मिला है.
मिड एज के निवेशक
मिड एज के वैसे युवा, जिनकी उम्र 38-40 साल के आसपास है, तो उनको भी लंबी अवधि यानी बचे हुए 18-20 साल के लिए भी लार्ज कैप और मिड कैप फंड में निवेश करना चाहिए. आयकर की छूट पाने के लिए आप ईएलएसएस योजना में निवेश कर सकते हैं, जो इक्विटी से जुड़ी लॉकिंग अवधि के साथ-साथ कर में छूट का अवसर प्रदान करता है.
शेयरों के माध्यम से व्यवसाय में निवेश करें
ललित त्रिपाठी,
निदेशक, वेदांत ऐसेट एडवाइजर्स
lallit1@gmail.com
शेयरों में निवेश करने के लिए बहुत अधिक इंटेलिजेंस की जरूरत नहीं होती. जब भी आप शेयरों में निवेश करते हैं, तो आप मार्केट में नहीं, बल्कि बिजनेस में निवेश करते हैं और शेयर होल्डिंग के माध्यम से आप उस व्यवसाय के हिस्सेदार बनते हैं और शेयर होल्डिंग के माध्यम से आप उस व्यवसाय के हिस्सेदार बनते हैं.
इसलिए शेयरों में निवेश करने का पहला मूलमंत्र है कि आप उस सेक्टर के कंपनियों में निवेश करें, जिस सेक्टर से आपका जुड़ाव हो या उस विशेष कंपनी के उत्पाद को आप खरीदते हों या खरीदने के लिए किसी को कह सकते हैं. जैसे अगर आप चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े हैं, तो आप फार्मा कंपनियों, मेडिकल इक्विपमेंट कंपनियों या हॉस्पिटल व्यवसाय से जुड़ी कंपनियों, जिनके बारे में आपको जानकारी के साथ विश्वास हो, उसमें निवेश करें, तो यह आपके लिए फायदेमंद रहेगा. अगर आप गाड़ियों के शौकीन हैं और बुलेट खरीदते हैं या मारुति कार लेते हैं या होंडा के बाइक लेते हैं और अगर आपका विश्वास उस पर है, तो उसी समय उतने ही उस कंपनी के मूल्य के शेयर में निवेश करें. आप पायेंगे कि 10-15 साल के बाद जहां इन गाड़ियों का मूल्य नगण्य हो जायेगा, वहीं इनके शेयरों से आपको अत्यधिक लाभ होने की संभावना रहेगी.
अगर घर में एसी या कूलर लगाते हैं या वाशिंग मशीन लेते हैं, तो उसी कंपनी के उतने ही मूल्य के शेयरों में निवेश करके आप लंबी अवधि में अच्छा लाभ कमा सकते हैं. अगर बिल्डिंग व्यवसाय से जुड़े हैं तो उसी व्यवसाय से संबंधित कंपनी के शेयरों में निवेश करें.

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