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‘बाहरी’ अभ्यर्थियों को नहीं मिलेगा आरक्षण का लाभ

हाजीपुर/मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में आरक्षण का लाभ केवल बिहार के छात्र-छात्राओं को ही मिलेगा. अन्य राज्यों के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को सामान्य श्रेणी में ही रखा जायेगा. स्नातक पार्ट वन (2019-22) में एडमिशन के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा कराया जा रहा है. पांच जुलाई तक का समय दिया गया है, जबकि 21 […]

हाजीपुर/मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में आरक्षण का लाभ केवल बिहार के छात्र-छात्राओं को ही मिलेगा. अन्य राज्यों के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को सामान्य श्रेणी में ही रखा जायेगा. स्नातक पार्ट वन (2019-22) में एडमिशन के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा कराया जा रहा है. पांच जुलाई तक का समय दिया गया है, जबकि 21 जुलाई को प्रवेश परीक्षा ली जायेगी.

ऑनलाइन आवेदन के लिए विवि की ओर से तैयार गाइडलाइन में कहा गया है कि मूल रूप से बिहार से संबंधित अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को ही आरक्षण का लाभ दिया जायेगा. स्पष्ट कहा गया है कि अन्य राज्यों के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी को सामान्य श्रेणी के रूप में माना जायेगा.
विवि के इस निर्णय से मुजफ्फरपुर सहित अन्य जिलों में रहने वाले दूसरे राज्यों के आरक्षित वर्ग के छात्र-छात्राओं को नुकसान हाेगा. दरअसल, अन्य राज्यों के लोग नौकरी या कारोबार के सिलसिले में यहां रहते हैं और उनके बच्चे भी यहीं के कॉलेजों में पढ़ते हैं. हालांकि स्थानीय अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ लेने के लिए सक्षम प्राधिकार से जारी जाति प्रमाण पत्र भी देना होगा.
नोटरी पर देना होगा गैप सर्टिफिकेट
किसी छात्र ने यदि पिछले साल इंटरमीडिएट या उसके समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण की है और इस साल स्नातक में एडमिशन के लिए आवेदन कर रहा है, तो उसे गैप सर्टिफिकेट देना होगा. हालांकि यह नहीं कहा गया है कि अधिकतम कितने साल पहले इंटरमीडिएट करने वाले अभ्यर्थी स्नातक में एडमिशन के लिए आवेदन कर सकेंगे. केवल यही कहा गया है कि जिन उम्मीदवारों ने इंटरमीडिएट या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण की है, वे स्नातक में प्रवेश के पात्र होंगे.
स्नातक में अब नौ जुलाई तक बिना विलंब शुल्क के आवेदन
हाजीपुर/मुजफ्फरपुर. बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में स्नातक (2019-22) में दाखिले के लिए अब नौ जुलाई तक बिना विलंब शुल्क के आवेदन किया जा सकेगा. इससे छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी. पहले विवि की ओर से पांच जुलाई तक बिना विलंब शुल्क के आवेदन का समय दिया गया था.
इसके बाद नौ जुलाई तक 1500 रुपये विलंब शुल्क के साथ आवेदन की तिथि निर्धारित की गयी थी. छात्र पहले से ही आवेदन शुल्क बढ़ाये जाने का विरोध कर रहे थे. इस बीच विलंब शुल्क की राशि को लेकर भी विरोध शुरू हो गया. विवि प्रशासन की ओर से आदेश में बदलाव करते हुए नौ जुलाई तक बिना विलंब शुल्क के आवेदन की तिथि बढ़ा दी गयी.
बीएड प्रशिक्षुओं को घर तक डिग्री पहुंचाने की तैयारी
हाजीपुर/मुजफ्फरपुर. बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में बीएड प्रशिक्षुओं को घर तक डिग्री पहुंचाने की तैयारी चल रही है. आगामी दिनों में होने वाली परीक्षा बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव रखा जा सकता है. इस पर सहमति बनने के बाद प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी. विवि के अधिकारियों का कहना है कि बीएड कॉलेजों की मनमानी से छात्र-छात्राओं की मुश्किलें बढ़ जाती हैं. ऐसे में उन्हें राहत देने के लिए मंथन चल रहा है.
फीस विवाद को लेकर कॉलेज प्रबंधन और विवि प्रशासन के बीच पिछले साल ही ठन गयी थी. जनवरी में बीएड कॉलेजों ने विश्वविद्यालय के आदेश को मानने से इनकार करते हुए तालाबंदी कर दी थी.
इस कारण महीने भर तक बीएड की परीक्षा टालनी पड़ी, क्योंकि कई कॉलेज छात्रों का परीक्षा फॉर्म नहीं भरवा रहे थे. किसी तरह मामला शांत हुआ और परीक्षा हो सकी. रिजल्ट के बाद जब विवि की ओर से कॉलेजों में मार्क्सशीट भेजा गया, तो फिर से वही स्थिति हो गयी. इस कारण कई कॉलेजों के छात्रों को विश्वविद्यालय से मार्क्सशीट की दूसरी कॉपी दी गयी. अब डिग्री दी जानी है.
विवि के अधिकारी का कहना है कि राजभवन ने विवि मुख्यालय से डिग्री बांटने पर रोक लगा दिया है. जब कॉलेज में डिग्री भेजी जायेगी, तो प्रबंधन की मनमानी शुरू हो जायेगी. ऐसे में इसका विकल्प निकालने के लिए बातचीत चल रही है. परीक्षा बोर्ड की बैठक में ही अंतिम निर्णय होना है.

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