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हाफिज की रिहाई पर पूर्व अमेरिकी राजनयिकों की दाे टूक, पाक काे सबक सिखाने का सही समय

वाशिंगटन: अमेरिका के आतंकवाद विरोधी शीर्ष जानकार एवं दक्षिण एशिया मामलों के विशेषज्ञों ने मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को रिहा किये जाने की आलोचना की और कहा कि पाकिस्तान का प्रमुख गैर नाटो सहयोगी का दर्जा रद्द करने का वक्त आ गया है. एक वरिष्ठ विशेषज्ञ ब्रूस रीडल ने कहा, मुंबई में […]

वाशिंगटन: अमेरिका के आतंकवाद विरोधी शीर्ष जानकार एवं दक्षिण एशिया मामलों के विशेषज्ञों ने मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को रिहा किये जाने की आलोचना की और कहा कि पाकिस्तान का प्रमुख गैर नाटो सहयोगी का दर्जा रद्द करने का वक्त आ गया है.

एक वरिष्ठ विशेषज्ञ ब्रूस रीडल ने कहा, मुंबई में 26/11 के हमले के नौ वर्ष बीत गये, लेकिन अब तक इसका मास्टरमाइंड न्याय के घेरे से बाहर है. पाकिस्तान का प्रमुख गैर नाटो सहयोगी का दर्जा रद्द करने का वक्त आ गया है. हाफिज सईद को रिहा करने के लाहौर उच्च न्यायालय के आदेश के बाद विदेश मंत्रालय के एक पूर्व अधिकारी एवं वर्तमान में विदेश संबंध परिषद में कार्यरत एलिसा आयरेस ने कहा कि अगर एक शब्द में कहा जाये तो रिहाई एक उल्लंघन है. उन्होंने कहा, हम फिर खबरें पढ़ेंगे कि हाफिज सईद अपनी अगुवाई में हजारों लोगों के साथ और रैलियां निकाल रहा है.

आयरेस ने कहा कि सईद और उसके गुट को संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवाद से सीधे संबद्ध होने की वजह से प्रतिबंधित कर दिया है. पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा सईद और उसके गुट को दिये गये आतंकवादी दर्जे को बरकरार रखने के अपने दायित्व का पालन करता प्रतीत नहीं होता. उन्होंने कहा, पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का मूल सुरक्षा दायित्व निभाने में नाकाम रहने के बाद आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई लडने का दावा नहीं कर सकता.

अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने इसके लिए पिछले कुछ हफ्तों में ट्रंप प्रशासन की ओर से आ रहे मिश्रित संदेशों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि अमेरिकी अधिकारी पाकिस्तान को यह संकेत देने की कोशिश कर रहे हैं कि अगर वे हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करते हैं तो इसे सकारात्मक कदम के तौर पर देखा जा सकता है और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दक्षिण एशिया नीति में किये गये उनके वादे के अनुरूप पाकिस्तान के खिलाफ की जानेवाली सख्त कार्रवाई को रोका जा सकता है.

उन्होंने कहा, इस प्रक्रिया में उनके (अमेरिका के) कारण पाकिस्तान अनजाने में यह सोच सकता है कि अमेरिका सिर्फ हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई चाहता है ना कि भारत के खिलाफ कार्रवाई करनेवाले लश्करे तैयबा जैसे समूहों के खिलाफ. हक्कानी ने एक सवाल के जवाब में बताया, मुझे डर है कि इन मिश्रित संकेतों के कारण ऐसे हालात पैदा होंगे जिनमें पाकिस्तान अफगान-उन्मुख एवं भारत उन्मुख आतंकवादी समूहों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने में विफल हो सकता है.

अमेरिका के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि लश्करे तैयबा के नेता हाफिज सईद की नजरबंदी से रिहाई के बारे में पाकिस्तान के आदेश से संबद्ध मीडिया रिपोर्ट से अमेरिका अवगत है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बताया कि नवंबर 2008 में मुंबई हमलों के बाद दिसंबर 2008 में संयुक्त राष्ट्र ने यूएनएससीआर 1267 (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव) के तहत सईद को निजी तौर पर नामित किया था.

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