Trump in India: अगले सप्ताह जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक मेज पर बैठेंगे तो बातें होंगी संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), धार्मिक स्वतंत्रता और कश्मीर के मामले पर. यह बात अमेरिकी प्रशासन की ओर से कही गयी है. साथ ही यह भी कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में आयी खटास को कम करने का प्रयास करेंगे और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय बातचीत का रास्ता निकालने में अहम भूमिका निभा सकते हैं.
जब सीएए के संबंध में अमेरिकी प्रशासन के अधिकारी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अमेरिका, भारत की लोकतांत्रिक परम्पराओं और संस्थानों का बहुत सम्मान करता है और उन मूल्यों को बरकरार रखने के लिए उसे प्रेरित करता रहेगा. ट्रंप इस मामले को उठाएंगे. खासकर धार्मिक स्वतंत्रता के मामले पर बातचीत होगी.
आगे उन्होंने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता, धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए सम्मान और सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार जैसी चीजें भारतीय संविधान में हैं. ये कुछ ऐसी चीजें हैं जो राष्ट्रपति के लिए महत्वपूर्ण होंगी और मुझे भरोसा है कि ट्रंप इन मुद्दों को पीएम मोदी के समक्ष उठाएंगें.
वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल चुनाव जीतने के बाद अपने पहले भाषण में इस बारे में बात की थी कि वह भारत के धार्मिक अल्पसंख्यकों को साथ लेकर चलने को प्राथमिकता देंगे…और निश्चित तौर पर दुनिया की निगाहें कानून के राज के तहत धार्मिक स्वतंत्रता बनाए रखने और सभी के साथ समान व्यवहार करने के लिए भारत पर टिकी है.
अधिकारी ने कहा कि भारत धार्मिक, भाषाई और सांस्कृतिक विविधता के लिहाज से समृद्ध देश हैं. वास्तव में भारत दुनिया के चार प्रमुख धर्मों की जन्मस्थली है.
कश्मीर और पाकिस्तान के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच इन दोनों मुद्दों पर बातचीत होने की उम्मीद है. पाकिस्तान के साथ चल रहे भारत के तनाव को लेकर बातचीत होगी. अमेरिकी प्रशासन की ओर से पाकिस्तान को ये बात पहले ही कह दी गयी है कि उसे आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी होगी तभी भारत के साथ बातचीत की प्रक्रिया आगे बढ़ सकती है और दोनों देशों के रिश्तों में खटास कम हो सकती है.