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वैश्विक डिजिटल प्रतिस्पर्धा रैंकिंग भारत चार पायदान ऊपर पहुंचा

सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमारा देश नित नये प्रतिमान गढ़ रहा है. हाल ही में जारी वैश्विक डिजिटल प्रतिस्पर्धा रैंकिंग में पिछल साल के मुकाबले भारत ने अपनी स्थिति में सुधार किया है. भारत सहित कई एशियाई देशों ने भी अपनी रैंकिंग सुधारी है. डिजिटल प्रतिस्पर्धा रैंकिंग, वाईफाई का नया संस्करण समेत प्रोद्योगिकी से […]

सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमारा देश नित नये प्रतिमान गढ़ रहा है. हाल ही में जारी वैश्विक डिजिटल प्रतिस्पर्धा रैंकिंग में पिछल साल के मुकाबले भारत ने अपनी स्थिति में सुधार किया है. भारत सहित कई एशियाई देशों ने भी अपनी रैंकिंग सुधारी है. डिजिटल प्रतिस्पर्धा रैंकिंग, वाईफाई का नया संस्करण समेत प्रोद्योगिकी से जुड़ी तमाम नयी जानकारियों के साथ प्रस्तुत है आज का इन्फो टेक्नोलॉजी पेज…
एक रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक डिजिटल प्रतिस्पर्धा रैंकिंग (डब्ल्यूडीसीआर) में चार स्थानों के सुधार के साथ भारत 44वें स्थान पर पहुंच गया है. पिछले साल भारत इस रैंकिंग में 48वें स्थान पर था.
सभी कारकों में दर्ज हुअा सुधार
डिजिटल तकनीकों को अपनाने, शोध संबंधी ज्ञान व भविष्य की तत्परता में बेहतरी के कारण वैश्विक डिजिटल प्रतिस्पर्धा रैंकिंग में इस वर्ष भारत की स्थिति में सुधार हुआ है. ज्ञान कारक में इसने विज्ञान में स्नातक और प्रकाशन द्वारा अनुसंधान एवं विकास उत्पादकता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है.
प्राैद्यौगिकी कारक में, विशेष रूप से दूरसंचार निवेश और आइटी व मीडिया शेयर बाजार पूंजीकरण में भी भारत ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. वहीं इसे अभी भी अनुबंधों को लागू करने, मोबाइल ब्रॉडबैंड ग्राहकों, वायरलेस ब्रॉडबैंड और इंटरनेट यूजर्स पर काम करने की जरूरत है. भविष्य की तत्परता में भारत ने विश्व रोबोट वितरण में सर्वाधिक बेहतर प्रदर्शन किया है. यहांं भारत को टैबलेट क्षेत्र में अधिक काम करने की जरूरत है.
सूचकांक में अमेरिका पहले स्थान पर
इस सूचकांक में अमेरिका पहले स्थान पर जबकि सिंगापुर दूसरे स्थान पर विराजमान है. डिजिटल प्रतिस्पर्धा के इस सूचकांक के अग्रणी 10 देशों में दो एशियाई देश भी शामिल हैं. इस सूचकांक में स्वीडन तीसरे, डेनमार्क चौथे, स्विटजरलैंड पांचवे, नीदरलैंड छठे, फिनलैंड सातवें, हांगकांग आठवें, नॉर्वे नौवें और दक्षिण कोरिया 10वें स्थान पर हैं. हांगकांग और दक्षिण कोरिया पहली बार इस सूचकांक के अग्रणी
10 देशों में शामिल हुए हैं. वहीं ताईवान को 13वां स्थान मिला है.
ऐसे जारी की जाती है रैंकिंग
यह रैंकिंग आइएमडी वर्ल्ड कॉम्पिटिटिव सेंटर द्वारा जारी की जाती है. जो 63 देशों के डिजिटल प्रौद्योगिकियों को विकसित करने, उन्हें अपनाने और खोजने की क्षमता की पड़ताल करती है.
इस दौरान यह भी देखा जाता है कि इस वजह से व्यवसाय मॉडल, सरकारी कार्यकलापों और समाज में सामान्य रूप से कितना बदलाव आया है. अर्थव्यवस्था के मूल्यांकन के लिए डब्ल्यूडीसीआर ज्ञान कारक (नयी प्रौद्योगिकी को समझने और सीखने की क्षमता), प्रौद्योगिकी कारक (नये डिजिटल नवाचारों को विकसित करने की क्षमता) और भविष्य की तत्परता कारक (आनेवाले घटनाक्रमों की तैयारी), इन तीन कारकों का परीक्षण करता है.
चीन-इंडोनेशिया की लंबी छलांग
बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष चीन और इंडोनेशिया ने सबसे ऊंची छलांग लगायी है. चीन 30वें स्थान से 22वें और इंडोनेशिया 62वें से 56वें स्थान पर पहुंच गया है. चीन की स्थिति में यह सुधार मुख्य तौर पर ज्ञान कारक के कारण हुआ है. इस कारक के तहत चीन ने प्रशिक्षण और शिक्षा उप-कारक और वैज्ञानिक एकाग्रता में प्रगति की है.

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