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जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने बताया अवैध, डीपीओ दोषी, कार्रवाई की अनुशंसा

सुपौल : आईसीडीएस कार्यालय सुपौल में संविदा पर कार्यरत 45 महिला पर्यवेक्षिकाओं को जिला पदाधिकारी द्वारा दिया गया सेवा अवधि विस्तार को जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने अवैध करार दिया है. साथ ही बिहार सरकार के संकल्प का उल्लंघन कर भूतलक्षी प्रभाव से दिये गये सेवा अवधि विस्तार के लिये जिला स्तरीय चयन समिति […]

सुपौल : आईसीडीएस कार्यालय सुपौल में संविदा पर कार्यरत 45 महिला पर्यवेक्षिकाओं को जिला पदाधिकारी द्वारा दिया गया सेवा अवधि विस्तार को जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने अवैध करार दिया है. साथ ही बिहार सरकार के संकल्प का उल्लंघन कर भूतलक्षी प्रभाव से दिये गये सेवा अवधि विस्तार के लिये जिला स्तरीय चयन समिति के सदस्य सचिव सह डीपीओ को दोषी माना है.

जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अशोक कुमार झा ने एक परिवाद के सुनवाई के बाद बुधवार को अंतिम आदेश पारित कर डीपीओ के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य मानते हुए कार्रवाई की अनुशंसा जिला पदाधिकारी से किया है.
भ्रष्टाचार मुक्त जागरूकता अभियान के अनिल कुमार सिंह ने 09 नवंबर 2019 को जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष एक परिवाद दायर कर जिले के 45 महिला पर्यवेक्षिकाओं की सेवा अवधि जून 2019 में समाप्त हो जाने के बावजूद अवैध रूप से कार्य करने तथा करोड़ों रुपये की योजना का संचालन करने के मामले में दोषी के विरुद्ध कार्रवाई का अनुरोध किया था.
परिवाद दायर होने के बाद आइसीडीएस ने आनन-फानन में 14 नवंबर 2019 को जिले के सभी 45 महिला पर्यवेक्षिकाओं की सेवा अवधि भूतलक्षी प्रभाव से जुलाई 2019 से जून 2020 तक के लिये बढ़ा दी थी.
क्या है सरकार का आदेश
बिहार सरकार समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव ने संकल्प संख्या 1846 दिनांक 10 जून 2010 को आईसीडीएस अंतर्गत महिला पर्यवेक्षिका के रिक्त पदों को भरने हेतु अनुबंध के आधार पर नियोजन के लिए मार्गदर्शिका जारी किया है.
महिला पर्यवेक्षिका के अनुबंध के आधार नियोजन के आधार पर चयन के लिये जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में एक चयन समिति का गठन किया गया. जिसके सदस्य सचिव डीपीओ को बनाया गया.
संकल्प कंडिका 10 में स्पष्ट वर्णित है कि बाल विकास परियोजना पदाधिकारी समेकित रूप से योग्य/अयोग्य महिला पर्यवेक्षिका की सूची एवं प्रस्ताव अनुमोदन के लिए अनुबंध समाप्त होने के दो माह पूर्व चयन समिति के सदस्य सचिव को उपलब्ध करायेंगे. सदस्य सचिव प्राप्त प्रस्ताव पर अनुबंध समाप्त होने के पूर्व जिला स्तरीय चयन समिति का अनुमोदन प्राप्त कर महिला पर्यवेक्षिका का अनुबंध संबंधी आदेश जिला पदाधिकारी के हस्ताक्षर से निर्गत करेंगे.
आरटीआइ कार्यकर्ता ने दायर किया था परिवाद
इस संबंध में आरटीआइ कार्यकर्ता अनिल कुमार सिंह ने 08 नवंबर 2019 को एक परिवाद दायर कर आईसीडीएस के सभी 45 महिला पर्यवेक्षिकाओं का सेवा नहीं रहने के बावजूद विभागीय पदाधिकारियों द्वारा कार्य लेने का आरोप लगाया था. जिसमें कहा गया था कि बिना सेवा में रहते सभी महिला पर्यवेक्षिका करोड़ों रुपये की सरकारी योजना का संचालन कर रहे हैं, जो विभागीय नियम के प्रतिकूल है.
आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका के चयन संबंधी बैठक का भी आयोजन कर नियुक्त पत्र निर्गत कर रही है. आईसीडीएस के पदाधिकारी जानबूझ कर तंग-तबाह करने के उद्देश्य से समय पर सेवा अवधि का विस्तार नहीं करते हैं.
भूतलक्षी प्रभाव से किया सेवा का विस्तार
पीजीआरओ अशोक कुमार झा ने भ्रष्टाचार मुक्त जागरूकता अभियान के अनिल कुमार सिंह के द्वारा दायर परिवाद पर सुनवाई के उपरांत बुधवार को अंतिम आदेश पारित किया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि विभागीय संकल्प के अनुसार महिला पर्यवेक्षिकाओं को दिया गया अवधि विस्तार नियमानुकूल नहीं कहा जा सकता है.
क्योंकि यह अवधि विस्तार अवधि समाप्ति के काफी बाद भूतलक्षी प्रभाव से किया गया है. डीपीओ चयन समिति के सदस्य सचिव हैं. इस नाते विभागीय नियमों की जानकारी चयन समिति को देना डीपीओ का दायित्व है.
स्पष्टतया चयन समिति को विभागीय प्रावधान की जानकारी नहीं देकर भूतलक्षी प्रभाव से अवधि विस्तार करवा लिया गया है. इनका यह कृत्य इनके विरुद्ध कार्रवाई का पर्याप्त आधार है. जिला लोक शिकायत पदाधिकारी ने जिला पदाधिकारी से मामले में डीपीओ आईसीडीएस सुपौल के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई का अनुरोध किया है.

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