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ट्रंप के ट्रेड वार के खिलाफ कदम उठाने वाले देशों में भारत शामिल, चिंता में 115 अंक टूटा सेंसेक्स

मुंबई : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से छेड़े गये ट्रेड वार के खिलाफ कदम उठाने वाले देशों में भारत का शामिल होने की वजह से शेयर बाजार में शुरूआती तेजी आगे कायम नहीं रह पायी. वैश्विक व्यापार को लेकर चिंता बढ़ने तथा घरेलू स्तर पर किसी प्रकार के संकेत के अभाव में निवेशक […]

मुंबई : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से छेड़े गये ट्रेड वार के खिलाफ कदम उठाने वाले देशों में भारत का शामिल होने की वजह से शेयर बाजार में शुरूआती तेजी आगे कायम नहीं रह पायी. वैश्विक व्यापार को लेकर चिंता बढ़ने तथा घरेलू स्तर पर किसी प्रकार के संकेत के अभाव में निवेशक गुरुवार को जोखिम से बचते दिखे. ऐसे माहौल में बंबई शेयर बाजार प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 115 अंक टूटकर 35,432.39 अंक पर बंद हुआ.

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कारोबारियों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी तथा रुपये की विनिमय दर में गिरावट से भी बाजार की सोच पर असर पड़ा. 30 शेयरों वाला सेंसेक्स शुरूआत में 131 अंक की बढ़त के साथ खुला और एक समय 35,678.69 अंक के स्तर पर पहुंच गया. बाद में इसमें गिरावट दर्ज की गयी और यह 114.94 अंक या 0.32 फीसदी की गिरावट के साथ 35,432.39 अंक बंद हुआ. सेंसेक्स में बुधवार को 260.59 अंक की तेजी दर्ज की गयी थी. वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 30.95 अंक या 0.29 फीसदी की गिरावट के साथ 10,741.10 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 10,809.60 से 10,725.90 अंक के दायरे में रहा.

इस बीच, भारत ने अमेरिका से आयातित कुछ वस्तुओं पर आयात शुल्क लगाया है. इस तरह ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाये गये शुल्कों के खिलाफ कदम उठाने वाले देशों और समूहो की सूची में भारत भी शामिल हो गया है. यूरोपीय संघ तथा चीन जैसे देश भी अमेरिका के खिलाफ जवाबी व्यापारिक कार्रवाई कर रहे हैं. इसके साथ ही, रिजर्व बैंक की इस महीने द्वैमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के ब्योरे में तेल की कीमतों में वृद्धि तथा वैश्विक वित्तीय बाजारों में उतार-चढ़ाव जैसे कारकों से मुद्रास्फीति जोखिम की बात कही गयी है. यह ब्योरा बुधवार को बाजार बंद होने के बाद जारी किया गया.

अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने शुद्ध आधार पर बुधवार को 1,442.61 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 1,473.65 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि अमेरिका तथा चीन के बीच व्यापार तनाव बढ़ने से बाजार पर दबाव बना हुआ है. उन्होंने कहा कि एफआईआई की बिकवाली से भारत जैसे उभरते बाजार दबाव में रहे. ओपेक की शुक्रवार को होने वाली बैठक महत्वपूर्ण है. वहां यदि कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती के निर्णय में ढील का फैसला हुआ, तो उससे भारतीय बाजार को राहत मिलेगी.

गिरावट के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज में तेजी जारी रही और कंपनी का शेयर 1.22 फीसदी की बढ़त के साथ 1,032.35 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गया. लाभ में रहने अन्य प्रमुख शेयरों में आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, टाटा मोटर्स तथा इन्फोसिस शामिल हैं. वहीं, सेंसेक्स के शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा सर्वाधिक नुकसान में रही. कंपनी के शेयर में 2.11 फीसदी की गिरावट आयी. उसके बाद क्रमश: ओएनजीसी, पावरग्रिड, एसबीआई, सन फार्मा, एशियन पेंट्स तथा बजाज ऑटो का स्थान रहा. धोखाधड़ी के मामले में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के मुख्य कार्यपालक अधिकारी की गिरफ्तारी से बैंक का शेयर 1.19 फीसदी नीचे आया.

वैश्विक स्तर पर हांगकांग का हैंग सेंग 1.35 फीसदी तथा शंघाई कंपोजिट सूचकांक 1.37 फीसदी नीचे आये. वहीं, जापान का निक्केई 01.61 फीसदी लाभ में रहा. यूरोप में शुरुआती कारोबार में फ्रैंकफर्ट का डीएएक्स 0.51 फीसदी नीचे आया, पेरिस सीएसी, 40 में 0.21 फीसदी की गिरावट आयी. हालांकि, लंदन का एफटीएसई 0.05 फीसदी मजबूत हुआ.

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