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साइड नहीं देने पर रामजी ने उड़ा दी थी दो लोगों की खोपड़ी

सीतामढ़ी : मौत के बाद भी जिला कल्याण पदाधिकारी (डीडब्ल्यूओ) के शरीर पर गोली बरसाने वाले अपराधियों में साइको किलर रामजी राय, अरुण भगत व संतोष का नाम सामने आया है. रामजी राय ने स्वीकार किया है कि डुमरा थाना क्षेत्र में डीडब्ल्यूओ शुभ नारायण दत्त की हत्या के लिए रेकी की भनक मिलने के […]

सीतामढ़ी : मौत के बाद भी जिला कल्याण पदाधिकारी (डीडब्ल्यूओ) के शरीर पर गोली बरसाने वाले अपराधियों में साइको किलर रामजी राय, अरुण भगत व संतोष का नाम सामने आया है.

रामजी राय ने स्वीकार किया है कि डुमरा थाना क्षेत्र में डीडब्ल्यूओ शुभ नारायण दत्त की हत्या के लिए रेकी की भनक मिलने के बाद उसने हस्तक्षेप किया था. तब उसे हत्या की सुपारी दी गयी. डीडब्ल्लूओ को सबसे पहले दो गोली उसने मारी थी. जो उनके सिर में लगी थी. उसके बाद अरुण व संतोष ने. डीडब्ल्लूओ को कुल सात गोली मारी गयी थी.
मुड़ कटवा के रूप में रामजी का नाम चर्चित: इनामी अपराधी संतोष झा के बाद पुलिस के हिट लिस्ट में दूसरे नंबर पर शामिल रह चुके रामजी राय पर हत्या व अपहरण के कुल 11 संगीन मामले दर्ज है. अपराध की दुनिया में उसे मुड़ कटवा के नाम से जाना जाता है. वर्ष-2008 में चाइल्ड किलर के नाम से अपराध की दुनिया में प्रवेश करने वाले रामजी के दरिंदगी का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि उसने साइड नहीं देने पर ओवर टेक कर दो आम लोगों की गोली मार कर उनकी खोपड़ी उड़ा दी थी.
कांट्रेक्ट लेकर हत्या करने के बाद उसके अंडर ग्राउंड हो जाना उसकी आदत रही है. रामजी के आपराधिक पृष्ठभूमि पर नजर डाले तो वर्ष-2008 में उसने डुमरा थाना क्षेत्र के सीमरा गांव निवासी भोला साह के नाती का अपहरण कर लिया था. फिरौती की रकम नहीं मिलने पर गरदन काट कर उसकी हत्या कर दी थी. उसके बाद रसलपुर गांव निवासी राजीव कुमार व खुशबू देवी के पुत्र अमनदीप का अपहरण किया. फिरौती का रकम नहीं मिलने पर उसकी भी हत्या कर दी गयी. दोनों की हत्या करने के बाद शव को दफना दिया गया. बाद में अमनदीप के पिता राजीव की हत्या भी कर दी गयी.
हत्या के मामला में वह पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद वर्ष-2012 में वह जेल से बाहर आया. कुछ दिनों तक सामान्य जीवन व्यतीत करने के बाद प्रेमनगर पंचायत के मुखिया पति युगल किशोर प्रसाद पर जानलेवा हमला के मामला में सामने आया. रामकुमार राय उर्फ रामजी राय ने वर्ष 2013 में डीएसपी कार्यालय में तैनात एक चौकीदार की हत्या 60 हजार की सुपारी लेकर कर दी थी. इस मामले में भी वह दो साल जेल के अंदर रहा और 2015 में जमानत पर छूटा. जेल से छूटने के बाद ही इसने 2015 में सीतामढ़ी के रीगा थाना क्षेत्र से भोजपुरी फिल्म अभिनेता इरफान का अपहरण कर लिया. हालांकि अभिनेता इरफान अपनी सूझ-बूझ से अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूट कर निकल गया. वर्ष 2016 में सोमल की हत्या में भी उसका नाम सामने आया था.
पुलिस कर रही थी साइलेंट वर्क
हत्याकांड की घटना के बाद एसपी विकास बर्मन के मार्गदर्शन में पुलिस की गठित दो स्पेशल टीम साइलेंट वर्क कर रही थी. हत्याकांड को लेकर समाज के सभी वर्ग के लोगों में गजब की उत्सुकता बनी हुई थी. 20 दिन के बाद हत्याकांड का खुलासा होने से चर्चाओं का बाजार गर्म है.
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