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नाबालिग को खिलायी गर्भपात की दवा, धराया

श्यामसुंदरपुर : छोटा गड़ियास की घटना दवा खाने के बाद रक्तस्राव से गंभीर हुई सातवीं की छात्रा, अस्पताल में भर्ती चाकुलिया : श्यामसुंदरपुर थानांतर्गत छोटा गड़ियास गांव में एक युवक ने गांव की एक 13 वर्षीया बच्ची से दुष्कर्म किया और जब वह गर्भवती हो गयी तो गर्भपात के लिए दवा खिला दी. इससे छात्रा […]

श्यामसुंदरपुर : छोटा गड़ियास की घटना

दवा खाने के बाद रक्तस्राव से गंभीर हुई सातवीं की छात्रा, अस्पताल में भर्ती
चाकुलिया : श्यामसुंदरपुर थानांतर्गत छोटा गड़ियास गांव में एक युवक ने गांव की एक 13 वर्षीया बच्ची से दुष्कर्म किया और जब वह गर्भवती हो गयी तो गर्भपात के लिए दवा खिला दी. इससे छात्रा की स्थिति बिगड़ गयी. उसे बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल, जमशेदपुर में भर्ती किया गया है.
मामला सामने आने के बाद पुलिस ने पीड़िता के पिता की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. मामले के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार, आरोपी दुबराज मांडी (26) ने सातवीं कक्षा की छात्रा को
नाबालिग को खिलायी…
बहला-फुसलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया. गर्भपात की दवा खिलाये जाने के बाद 20 जून को रक्तस्राव से जब बच्ची की स्थिति गंभीर हुई तो परिजन उसे इलाज के लिए चाकुलिया सीएचसी ले गये. सीएचसी में डॉ संपा मन्ना ने इलाज किया और बेहतर इलाज के लिए उसे सदर अस्पताल, जमशेदपुर रेफर कर दिया. इसके बाद छात्रा के पिता के बयान पर कांड संख्या 10/18 भादवि की धारा 376, 4/6 तथा पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया तथा आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
13 जून को स्कूल जाते समय उठा ले गया था जंगल
प्राथमिकी के अनुसार, 13 जून को नाबालिग दिन के 12 बजे स्कूल जा रही थी. रास्ते में पड़ने वाले जंगल में दुबराज ने उसे रोक लिया और जंगल में ले जाकर दुष्कर्म किया. इसके बाद उसने नाबालिग को धमकाया कि किसी को यह बात बतायी ताे उसकी हत्या कर देगा. छात्रा शाम छह बजे घर लौटी और मां को पूरी बात बतायी. मां ने गांव के मुखिया को जानकारी दी. तब इस पर पंचायत बुलायी गयी. पंचायत का फैसला नहीं मानने पर कुछ दिनों बाद मामला दर्ज हुआ.
प्रावधान का हवाला दे एमजीएम ने भेज दिया सदर अस्पताल
अस्पताल अधीक्षक ने कहा- सिविल सर्जन व मेडिकल बोर्ड की जानकारी के बगैर नहीं ले सकते केस
बताया जाता है कि श्यामसुंदरपुर थाने के छोटा गड़ियास की नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता को लेकर परिजन सीधे एमजीएम अस्पताल पहुंच गये थे. लेकिन एमजीएम अस्पताल प्रबंधन ने मेडिको लीगल के प्रावधानों का हवाला देकर उसे सदर अस्पताल, खासमहल भेज दिया. हालांकि, बच्ची के सदर अस्पताल पहुंचते ही उपचार शुरू कर दिया गया. अस्पताल के उच्चाधिकारियों की ने बच्ची की जांच की और आवश्यक इलाज मुहैया कराया गया.
क्या है प्रावधान : एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एसएन झा ने बताया कि बलात्कार, मारपीट जैसे मेडिको लीगल के मामले में डाक्टरों की लिखी रिपोर्ट को कोर्ट में साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया जाता है. ऐसे मामलों में एमजीएम मेडिकल कॉलेज सीधे जांच नहीं कर सकता. यह मामला सिविल सर्जन व मेडिकल बोर्ड की अनुमति के बाद ही मेडिकल कॉलेज को भेजा जा सकता है. पूर्व निर्धारित नियम के अनुसार मेडिको लीगल मामले प्राथमिक, सामुदायिक, उप स्वास्थ्य केंद्र या फिर अनुमंडल अस्पताल से सीधे एमजीएम नहीं रेफर किया जा सकता है. ऐसे मामलों को स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में चिकित्सा का निर्णय हो सकता है. जिला अस्पताल में पर्याप्त इलाज की सुविधा नहीं होने पर ही सिविल सर्जन की अनुमति से इसे मेडिकल कॉलेज को भेजा जा सकता है. अब तक संबंधित प्रावधान से इतर मेडिको लीगल से जुड़े मामले सीधे एमजीएम मेडिकल कॉलेज के अस्पताल को भेजे जाते रहे हैं. गुरुवार को दुष्कर्म पीड़िता को चाकुलिया से एमजीएम अस्पताल भेज दिया गया था. प्रावधानों का हवाला देकर एमजीएम के चिकित्सकों ने बलात्कार पीड़ित के सदर अस्पताल भेजा.
कोट
संबंधित मामले में नये सिरे से स्वास्थ्य विभाग को कोई पत्र नहीं लिखा गया है. इसकी आवश्यकता नहीं है. पूर्व प्रावधान के मुताबिक ही ऐसे मामलों की जांच सिविल सर्जन व मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर की जा सकती है. सीधे ऐसे मामले एमजीएम में नहीं देखे जा सकते.
– डॉ. एसएन झा, अधीक्षक, एमजीएम

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