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धालभूमगढ़ एयरपोर्ट का आज शिलान्यास, वर्ष 2021 में परिचालनकेंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा, सीएम रघुवर दास, मंत्री सीपी सिंह, सांसद व विधायक करेंगे भूमि पूजन

धालभूमगढ़ एयरपोर्ट शुरू करने के लिए जिला प्रशासन ने चार बार जमीन चिह्नित कर प्रस्ताव भेजा अौर अब गुरुवार को भूमि पूजन एवं एमअोयू के साथ योजना धरातल पर उतरने वाली है. गुरुवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास, केंद्रीय नागर विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा, नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, सांसद विद्युत वरण महतो, विधायक लक्ष्मण टुडू, […]

धालभूमगढ़ एयरपोर्ट शुरू करने के लिए जिला प्रशासन ने चार बार जमीन चिह्नित कर प्रस्ताव भेजा अौर अब गुरुवार को भूमि पूजन एवं एमअोयू के साथ योजना धरातल पर उतरने वाली है.
गुरुवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास, केंद्रीय नागर विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा, नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, सांसद विद्युत वरण महतो, विधायक लक्ष्मण टुडू, जिला परिषद की अध्यक्ष बुलू रानी सिंह, केंद्रीय विमानन सचिव आरएन चौबे एयरपोर्ट निर्माण का भूमि पूजन करेंगे और झारखंड सरकार अौर एयरपोर्ट अॉथरिटी अॉफ इंडिया के बीच एमअोयू पर हस्ताक्षर होगा.
कोकपाड़ा में 240 एकड़, नरसिंहगढ़ में 112 एकड़, चार चक्का में 23 एकड़, देवशोल में 5 एकड़, बुरुडीह में 100 एकड़ जमीन है, जिस पर प्रथम चरण के एयरपोर्ट का निर्माण होगा. धालभूमगढ़ एयरपोर्ट की मिट्टी जांच-टेंडर फाइनल होकर सितंबर से काम शुरू होगा अौर दिसंबर 2020 तक एयरपोर्ट बन कर तैयार होगा अौर 2021 से एयरपोर्ट से उड़ान शुरू हो जायेगी.
नोट : समय और दूरी गूगल मैप के अनुसार.
धालभूमगढ़ एयरपोर्ट के पुराने एयरपोर्ट का निर्माण 1942 में ब्रिटिश आर्मी ने किया था
जून 2017 में पहली बार एएआइ की टेक्निकल टीम पहुंची थी धालभूमगढ़
जमशेदपुर से रांची एयरपोर्ट
दूरी : 130 किमी
(कार व बस)
समय : 3.30 घंटे
ट्रेन से समय : 4.20 घंटे
जमशेदपुर से कोलकाता एयरपोर्ट
दूरी : 293 किमी
(कार व बस)
समय : 6.55 घंटे
ट्रेन से समय : 4.10 घंटे
  • आज राज्य सरकार और एएआइ के बीच एमअोयू पर हस्ताक्षर
  • एयरपोर्ट की मिट्टी जांच-टेंडर फाइनल होकर सितंबर से काम शुरू होगा
  • सेना ने एयरपोर्ट की जमीन पर किया था दावा
चार बार बना प्रस्ताव, रांची से लेकर दिल्ली तक बैठक
धालभूमगढ़ एयरपोर्ट को शुरू करने के लिए पिछले कई दिनों से प्रयास किये जा रहे थे अौर दिल्ली से लेकर रांची तक कई बार बैठक हुई अौर कई बार टीम ने निरीक्षण किया. जिला प्रशासन द्वारा चार बार प्रस्ताव बना कर भेजा गया अौर चौथे प्रस्ताव पर प्रथम चरण का एयरपोर्ट फाइनल किया गया. इस दौरान सेना की जमीन का दावा का पेंच भी बना रहा अौर वर्तमान प्रस्ताव में जिला प्रशासन द्वारा उस पेंच को भी दूर किया गया.
जिला प्रशासन द्वारा सबसे पहले डेढ़ वर्ष पूर्व 1070 एकड़ का प्रस्ताव बना कर भेजा गया था, जिसे रद्द करते हुए प्रथम चरण में छोटे एयरपोर्ट के लिए 150 एकड़ का प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया गया था. इसके बाद जिला प्रशासन द्वारा 150 एकड़ जमीन का प्रस्ताव तैयार कर भेजा गया. 6 मई को निरीक्षण के लिए आयी एयरपोर्ट अॉथरिटी अॉफ इंडिया अौर डीजीसीए की टीम ने रनवे की दिशा हवा के विपरीत होने के कारण 150 एकड़ के प्रस्ताव को रद्द कर बड़े एयरपोर्ट का प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया.
इसके बाद बाद जिला प्रशासन द्वारा 570 एकड़ जमीन चिह्नित कर प्रस्ताव बना कर भेजा था. 10 नवंबर को दौरे पर आये केंद्रीय विमानन सचिव आरएन चौबे एवं उसके बाद आयी तकनीकी टीम ने प्रथम चरण में 72 सीटर विमान सेवा शुरू करने के लिए छोटे एयरपोर्ट का प्रस्ताव भेजने कहा.
जिसके आधार पर जिला प्रशासन द्वारा 240 एकड़ जमीन(वन भूमि) का प्रस्ताव तैयार कर भेजा अौर 240 एकड़ जमीन पर प्रथम चरण का एयरपोर्ट बनना फाइनल हुआ. यहां द्वितीय विश्व युद्ध के समय हवाई पट्टी बनायी गयी थी अौर 240 एकड़ में 128.15 एकड़ जमीन पर सेना का दावा है, जिसे खारिज करते हुए जिला प्रशासन ने दाखिल-खारिज करने से इंकार कर दिया.
धालभूमगढ़ एयरपोर्ट एक नजर में
  • कुल जमीन – 240 एकड़
  • रनवे – 1745 मीटर लंबा व 30 मीटर चौड़ा
  • विमान परिचालन क्षमता – एटीआर-72 टाइप एयरक्राफ्ट उतरेगी
  • टर्मिनल और पार्किंग – 1400 वर्ग मीटर क्षेत्र में होगा निर्माण
  • रनवे, टर्मिनल, बाउंड्री निर्माण में खर्च – 100 करोड़
  • दूसरे चरण में – 320 सीटर विमानों का परिचालन होगा
  • दूसरे चरण के लिए जमीन – 545 एकड़ जमीन की जा रही है चिह्नित

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