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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा छह करोड़ का पुल, जांच के लिए पहुंची रांची की टीम

सिमडेगा विधायक ने कहा: दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए कोलेबिरा विधायक ने कहा राशि की रिकवरी के साथ दोषियों पर कार्रवाई हो उपायुक्त ने किया ध्वस्त पुल का निरीक्षण सामटोली- सिकरियाटांड़ पालामाड़ा नदी पर बने पुल से बड़े वाहनों के आगवामन पर राेक, जिला स्तर पर जांच समिति का गठन सिमडेगा :बीरू-तामड़ा मार्ग […]

सिमडेगा विधायक ने कहा: दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए

कोलेबिरा विधायक ने कहा राशि की रिकवरी के साथ दोषियों पर कार्रवाई हो

उपायुक्त ने किया ध्वस्त पुल का निरीक्षण

सामटोली- सिकरियाटांड़ पालामाड़ा नदी पर बने पुल से बड़े वाहनों के आगवामन पर राेक, जिला स्तर पर जांच समिति का गठन

सिमडेगा :बीरू-तामड़ा मार्ग के गिरमा नदी पर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े छह करोड़ की लागत से बने पुल मामले की जांच के लिए रांची से सोमवार को ग्रामीण विकास विभाग की एक टीम पहुंची. इधर, सामटोली-सिकरियाटांड़ पालामाड़ा नदी पर करीब छह करोड़ की लागत से बने पुल का चार पिलर भी दब गया है.

रांची से आयी टीम ने बीरू व पालामाड़ा दोनों स्थलों के पुल की जांच की. जांच टीम में ग्रामीण विकास विभाग के अधीक्षण अभियंता रामाकांत तिवारी, सहायक अभियंता मिथिलेश पांडेय, तकनीकी पदाधिकारी बीके शर्मा थे.

जांच टीम में शामिल अधीक्षण अभियंता ने बताया कि वे लोग बीरू के पास बह गये पुल तथा सिकरियाटांड़ में पालामाड़ा नदी पर बने पुल के चार पिलर दब जाने के मामले की जांच कर रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे. इधर, दोनों पुल का स्थल निरीक्षण क्षेत्र के विधायक विमला प्रधान व कोलेबिरा विधायक विक्सल कोंगाड़ी ने भी किया. उपायुक्त विप्रा भाल ने भी विशेष प्रमंडल की टीम के साथ बीरू में बह गये पुल एवं सिकरियाटांड़ पालामाड़ा नदी पर बने पुल का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान सिमडेगा विधायक विमला प्रधान ने घटिया निर्माण की बात कही. उन्होंने कहा कि बीरू गिरमा नदी पर बन रहे पुल के घटिया निर्माण के मामले को विधानसभा में उठाया था.

जिला में भी मामले को रखते हुए गुणवत्तापूर्ण निर्माण कराने की बात कही थी, किंतु अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि इस मामले में वह सरकार को दोषी पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही के लिए लिखेगी. कोलेबिरा विधायक विक्सल कोंगाड़ी ने कहा कि दोषी लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि दोनों पुल के मामले को विधानसभा में उठायेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार ठेकेदार से राशि रिकवरी करे और दोषी अधिकारियों पर कारवाई करे.

12 साल में ही पुल हो गया ध्वस्त

विशेष प्रमंडल के विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, पुल की आयु 50 साल की होती है, किंतु यहां पर तो पुल 12 साल भी खड़ा नहीं रह सका. जानकारों की माने, तो पुल निर्माण के समय पाइलिंग में ध्यान नहीं देने से पिलर धंसने की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. हार्ड रॉक नहीं मिलने पर भी पिलर खड़ा कर दिया जाता है, जिसे कारण उक्त स्थिति का सामना करना पड़ता है.

सूत्रों के अनुसार बीरू के पास गिरमा नदी पर विशेष प्रमंडल द्वारा लगभग छह करोड़ की लागत से पुल का निर्माण कराया गया था. निर्माण कार्य जेइ मधुसूदन सिंह व कार्यपालक अभियंता बासुकीनाथ की देखरेख में हुआ था. सिकरियाटांड़ मार्ग पर पालामाड़ा नदी पर बने पुल का निर्माण कार्य भी जेई मधुसूदन सिंह व कार्यपालक अभियंता बासुकीनाथ द्वारा कराया गया था. उक्त पुल का चार स्पेन पिलर दबने के कारण दब गया.

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