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अवैध दुकानों को तोड़ा गया

सिलीगुड़ी : रेलवे की अतिक्रमित जमीन को कब्जा मुक्त करने सोमवार को आरपीएफ की ओर से एनजेपी थाना संलग्न रेल अस्पताल व आसपास के इलाकों में अभियान चलाया गया. इस दौरान आरपीएफ की ओर से 20 से 25 गैरकानूनी दुकानों को तोड़ दिया गया. आरपीएफ के मुताबिक रेलवे की जमीन पर गैरकानूनी कब्जा कभी बर्दाश्त […]

सिलीगुड़ी : रेलवे की अतिक्रमित जमीन को कब्जा मुक्त करने सोमवार को आरपीएफ की ओर से एनजेपी थाना संलग्न रेल अस्पताल व आसपास के इलाकों में अभियान चलाया गया. इस दौरान आरपीएफ की ओर से 20 से 25 गैरकानूनी दुकानों को तोड़ दिया गया.

आरपीएफ के मुताबिक रेलवे की जमीन पर गैरकानूनी कब्जा कभी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. आने वाले दिनों में रेलवे का अभियान जारी रहेगा. एनजेपी व आसपास के इलाकों में रेलवे की जमीन पर गैरकानूनी कब्जा तेजी से बढ़ता जा रहा है.
आरोप है कि इस प्रकार के कब्जे को बढ़ावा देने में स्थानीय नेताओं की काफी भूमिका है. सिलीगुड़ी जंक्शन, एनजेपी, सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन का एक चौथाई इलाका अतिक्रमणकारियों के कब्जे में चला गया है. रेलवे की जमीनों पर बड़े-बड़े बहु मंजिला मकान खड़े हो गये हैं.
बाकी के बचे जगहों पर नये सिरे से बस्ती बसाये जा रहे हैं. इन सब के अलावे जो जगह खाली पड़ा हुआ है उसपर भी छोटे-छोटे व्यापारियों का कब्जा है. सोमवार सुबह एनजेपी आरपीएफ के अधिकारियों ने एनजेपी रेल अस्पताल के समाने अभियान चलाकर कई दुकानों को तोड़ डाला.
जिसमें चाय, पान, सब्जी, नास्ता फास्टफुड व अन्य दुकानें शामिल है. गैरकानूनी दुकानों को वहां से हटाने के बाद व्यापारियों को चेतावनी दी गई. वहीं रेलवे के अभियान में क्षतिग्रस्त दुकानदारों की माने तो वे पिछले कई वर्षों से वहां दुकान लगाकर अपना रोजी-रोटी कमा रहे हैं. उन लोगों के रोजगार का जरिया दुकान है. लेकिन रेलवे के इस फैसले से वे रोड पर आ गये हैं.
आइएनटीटीयूसी ने जतायी आपत्ति
रेलवे के इस फैसले का आईएनटीटीयूसी एनजेपी लोकल कमेटी के नेता प्रसेनजीप राय ने विरोध जताया है. इस घटना के बाद उन्होंने स्थानीय क्षतिग्रस्त दुकानदारों को लेकर रेल अस्पताल के सामने विरोध जताया.
इसी के साथ उन्होंने रेलवे के अभियान में दुकानदारों को पुनर्वास देने की भी मांग की है. प्रसेनजीत राय ने बताया कि बिना नोटिस के रेलवे ने उन दुकानों को तोड़ा है. उन्होंने बताया कि 40 से 45 वर्षों से ये लोग यहां से अपनी रोजी रोटी कमा रहे हैं. उन्होंने बताया कि खाली पड़े जमीन को लेकर रेलवे कुछ नहीं सोच रही है. बिना मतलब के गरीब लोगों के पेट में लात मारने का प्रयास किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि रेलवे अगर विकास संबंधी कामों के लिए व्यापारियों को वहां से हटा रही है तो इसमें उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन उन लोगों को वहां से हटाने से पहले रेलवे को क्षतिग्रस्त दुकानदारों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था करनी होगी. उन्होंने बताया कि रेलवे की ओर से अगर उनके मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वे आने वाले दिनों में वृहद आंदोलन करेंगे.

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