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धान लेकर चावल नहीं देनेवाली राइस मिलों पर होगी कार्रवाई

उत्तरकन्या में भी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ की बैठक चाय बागान श्रमिकों के राशन का उठाया मुद्दा कहा, 41 चाय बगानों में श्रमिकों के राशन को लेकर हुआ है घोटाला जांच के लिए कोलकाता से एजेंसी को नियुक्त करेगा राज्य खाद्य विभाग सिलीगुड़ी/जलपाईगुड़ी : सरकारी धान लेकर समय पर चावल नहीं देने के मामले में […]

उत्तरकन्या में भी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ की बैठक

चाय बागान श्रमिकों के राशन का उठाया मुद्दा

कहा, 41 चाय बगानों में श्रमिकों के राशन को लेकर हुआ है घोटाला

जांच के लिए कोलकाता से एजेंसी को नियुक्त करेगा राज्य खाद्य विभाग

सिलीगुड़ी/जलपाईगुड़ी : सरकारी धान लेकर समय पर चावल नहीं देने के मामले में जलपाईगुड़ी के तीन राईस मिल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. शनिवार को जलपाईगुड़ी जिलाशासक के कॉन्फ्रेस हॉल में रिव्यू मीटिंग के बाद राज्य के खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक मंत्री ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जिले के दसदरगा इलाके के 2 एवं मयनागुड़ी जल्पेश के एक राईस मिल का लाइसेंस अविलंब रद्द करने का निर्देश दिया गया है.

पत्रकारों से बातचीत में कहा कि दसदरगा के 2 राईस मिलों को 971 मैट्रिक टन व 22 मैट्रिक टन, जल्पेश के राईस मिल को 2 हजार 197 मैट्रिक टन चावल राज्य सरकार को देना है. इनलोगों को 2017-18 वित्तीय वर्ष में सहायक मूल्य पर धान खरीद कर दिया गया था. लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी मिल मालिकों ने सरकार को चावल नहीं दिये.

मंत्री ने बताया कि कड़ी कार्रवाई ही अब एकमात्र विकल्प रह गया है. मंत्री ने आगे बताया कि 2018 साल में सहायक मूल्य पर किसानों से डेढ़ लाख मैट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया था. जिसमें 1 लाख 19 टन धान खरीदा गया था. 2019-20 में 1 लाख 60 हजार मैट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है. अभी तक 55 हजार मैट्रिक टन धान खरीदा गया है. इस साल अक्टूबर तक धान खरीदे जायेंगे.

उन्होंने कहा कि जिले के चाय बागानों में बागान मैनेजर ही राशन डीलर थे. लेकिन बागान बंद होने के बाद से 52 स्वनिर्भर समूहों के जरिए राज्य सरकार डुआर्स के चाय बागानों में राशन दे रही है. उन्होंने और 48 स्वनिर्भर समूहों को इस काम से जोड़ने का प्रस्ताव दिया है.

जिले में नये डिजिटल राशन कार्ड बनाने के लिए 2 लाख 61 हजार कार्ड डाक विभाग के जरिए भेजा जायेगा. मंत्री ने बताया कि राशन दुकानों में जाकर आधार कार्ड लिंक कराने का एनआरसी के साथ कोई संबंध नहीं है. राशन व्यवस्था के लिए निजी कंपनी बिगबाजार से जुड़ी हुई है. ताकी ग्राहकों को बेहतर परिसेवा मिल सके.

बैठक में खाद्य विभाग के प्रिंसिपल सचिव मनोज अग्रवाल, जिलाशासक अभिषेक तिवारी, खाद्य नियमक अमृत घोष, बीडीओ, एसडीओ व अन्य अधिकारी उपस्थित थे. वहीं मिनी सचिवालय उत्तरकन्या में बैठक के बाद ज्योतिप्रिय मल्लिक ने कहा कि दार्जिलिंग जिले के 41 चाय बगानों में श्रमिकों को मिलने वाले राशन को लेकर घोटाला हुए हैं. इन चाय बगानों में सर्वे के लिए राज्य खाद्य विभाग कोलकाता से एक एजेंसी को नियुक्त कर जांच करायेगी.

मंत्री ने बताया कि इन चाय बगानों में श्रमिकों को मिलने वाले राशन की जांच की जायेगी. क्योंकि चाय बगानों में श्रमिकों की संख्या निर्धारित है. लेकिन दिन प्रतिदिन चायबगाने के बाहर लाभर्थियों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसके पीछे के कारणों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि पांच लोगों के एक परिवार को तोड़कर वहां से तीन पारिवार का गठन किया जा रहा है.

जिस वजह से लाभार्थियों को इसका फायदा नहीं मिल रहा है. उन्होंने बताया कि चार बीडीओ को इसकी जिम्मेदारी दी जायेगी. वहीं पूरा अधिकार डीएम को सौंपा जायेगा. उन्होंने बताया कि इसकी जांच के लिए कोलकाता की एक एजेंसी को नियुक्त किया जायेगा. मंत्री ने इशारा किया कि इसके पीछे बहुत बड़ी शक्ति काम कर रही है.

जांच में सामने आने के बाद किसी भी दोषी को सरकार माफ नहीं करेगी. उन्होंने बताया कि चार से पांच दिनों में एजेंसी को कोलकाता से जांच के लिए भेजा जायेगा. मंत्री ने बताया कि कृषक बंधु पोर्टल से किसानों को काफी फायदा हो रहा है. उस प्रोटल में 10 हजार तीन सौ 93 कृषकों ने अपना रजिस्ट्रेशन किया था.

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