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नेपाली साहित्य अध्ययन समिति ने मनाया भाषा मान्यता दिवस

सांस्कृतिक कार्यक्रमों का हुआ आयोजन विभिन्न हस्तियों को किया गया सम्मानित कालिम्पोंग : नेपाली भाषा को भारतीय संविधान में जगह मिलने के 27 साल पूरा होने की खुशी में नेपाली साहित्य अध्ययन समिति की ओर से प्रत्येक साल की तरह इस साल भी नेपाली भाषा मान्यता दिवस का आयोजन किया गया. विशेषकर कालिम्पोंग के शैक्षिक, […]

सांस्कृतिक कार्यक्रमों का हुआ आयोजन

विभिन्न हस्तियों को किया गया सम्मानित
कालिम्पोंग : नेपाली भाषा को भारतीय संविधान में जगह मिलने के 27 साल पूरा होने की खुशी में नेपाली साहित्य अध्ययन समिति की ओर से प्रत्येक साल की तरह इस साल भी नेपाली भाषा मान्यता दिवस का आयोजन किया गया. विशेषकर कालिम्पोंग के शैक्षिक, साहित्यिक, अध्यात्मिक एवं लोक संस्कृति, संगीत आदि में योगदान देने वालों को स्थानीय रामकृष्ण रंगमंच पर कार्यक्रम के दौरान सम्मानित किया गया.
उक्त कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में भाषा आंदोलन के संग्रामी एवं पूर्व शिक्षक जेबी राई उपस्थित रहे. जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में वयोवृद्ध पंडित गंभीरदास राई अग्निहोत्री, डॉ. राजेंद्र भंजारी, काजी सिंह विद्यार्थी, कप्तान प्रकाशमणि प्रधान, समिति के अध्यक्ष ज्ञान सुतार आदि मौजूद रहे.
समिति के उपाध्यक्ष जोग चामलिंग की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम के शुभारंभ के बाद नेपाली साहित्य की शिखर नारी डॉ. लखी देवी सुंदास, समलोचक सूर्यकला थापा एवं प्रज्ञा प्रतिष्ठान काठमांडू के उपकुलपति मदन कमल की स्मृति में दो मिनट का मौन धारण किया गया. समिति के मूल सचिव बीबी शर्मा द्वारा स्वागत संबोधन रखते हुए कार्यक्रम के औचित्य पर प्रकाश डाला. कालिम्पोंग कॉलेज के नेपाली विभाग के प्राध्यापक अजय लामा ने नेपाली भाषा की शुरूआत से जानकारी दी.
समारोह में सचिव शर्मा ने 1950 के कोलाखाम लाभा निवासी वयोवृद्ध पंडित गंभीरदास राई अग्निहोत्री ने आध्यात्मिक समेत विभिन्न साहित्यिक विषय पर बातें रखी. गत माह रॉकवेल अकादमी स्कूल के प्राचार्य कप्तान प्रकाश मणि प्रधान को दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय भानु शिक्षा साहित्य सम्मान से सम्मानित होने पर कालिम्पोंग का गौरव बताया. इसी तरह से डॉ. राजेंद्र भंडारी, काजी सिंह विद्यार्थी एवं डॉ. डीक बहादुर देवान को विभिन्न पुरस्कार से सम्मानित होने पर समिति की ओर से सम्मानित किया गया.
वहीं इस अवसर पर लोक नृत्य प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया. उक्त प्रतियोगिता के निर्णायक के रूप में संगीतकार मधुसुधन लामा, शिक्षिका शशि घिमिरे बराइली, गायिका एवं शिक्षिका माला छेत्री एवं पत्रकार अरुण कुमार रसाइली उपस्थित थे. उक्त प्रतियोगिता में 16 स्कूलों ने हिस्सा लिया. जिसमें प्रथम कुमुदिनी होम्स, दूसरे स्थान पर रॉकवेल अकादमी एवं तीसरे स्थान में प्रणामी बालिका विद्या मंदिर तो सांत्वना पुरस्कार इंडो तिब्बतन स्कूल को मिला. कार्यक्रम को हास्य कलाकार महेंद्र बगदास ने खुशनुमा बना दिया.

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