सिलीगुड़ी : बारिश के मौसम से पहले शहर की जल निकासी व्यवस्था सुधारने के लिए सिलीगुड़ी नगर निगम ने काम शुरू कर दिया है. सभी वार्डों में नालों की सफाई का काम तेजी से चल रहा है. लेकिन इस दौरान सफाईकर्मियों को सबसे ज्यादा समस्या का सामना सिलीगुड़ी के हिलकार्ट रोड, सेवक रोड इलाके में करना पड़ रहा है.
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बारिश से पहले निगम ने शुरू की नालों की सफाई
सिलीगुड़ी : बारिश के मौसम से पहले शहर की जल निकासी व्यवस्था सुधारने के लिए सिलीगुड़ी नगर निगम ने काम शुरू कर दिया है. सभी वार्डों में नालों की सफाई का काम तेजी से चल रहा है. लेकिन इस दौरान सफाईकर्मियों को सबसे ज्यादा समस्या का सामना सिलीगुड़ी के हिलकार्ट रोड, सेवक रोड इलाके में […]
इन इलाकों में व्यवसायियों ने नाले को ढककर दुकान बना ली है. इसी तरह कई शॉपिंग मॉल तथा अपार्टमेंट ने भी नाले को कंक्रीट की ढलाई कर ढक दिया है. मैन होल नहीं होने के चलते सफाई कर्मी अंदर जाकर सफाई नहीं कर पा रहे हैं. पहले के मुकाबले सिलीगुड़ी में आज एक बेहतर निकासी व्यवस्था है. इसके लिए नालों का जाल बिछा हुआ है.
नगर निगम के पांच बोरों इलकों में से होकर लगभग 72 नाले (हाइड्रेन) गुजरते हैं, जो आगे जाकर फुलेश्वरी, जोड़ापानी तथा महानंदा नदियों में मिल जाते हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार, एक नंबर बोरो में सबसे ज्यादा 27 नाले हैं. वहीं दो नंबर बोरो में 13, तीन नंबर बोरो में आठ, चार नंबर बोरो में 11 और पांच नंबर बोरो में 13 नाले पड़ते हैं. इन नालों की वजह से बारिश में सिलीगुड़ी अब पहले की तरह जलमग्न नहीं होती.
सिलीगुड़ी नगर निगम के सफाई विभाग के एमएमआइसी मुकुल सेनगुप्ता ने बताया कि निगम कर्मी ताबड़तोड़ सफाई में लगे हैं. उन्होंने बताया कि फिलहाल चार नंबर बोरो के सीमा सरणी तथा पांच नंबर बोरो के कई इलाकों में सफाई का काम चल रहा है. संतोषी नगर, गंगानगर, ग्वाला पट्टी इलाकों में सफाई हो रही है. ड्रेन सफाई के दौरान आनेवाली रुकावटों को लेकर उन्होंने बताया कि हिलकार्ट रोड के किनारे का नाला ढका हुआ, लेकिन उसमें मैन होल नहीं हैं.
इसके अलावे मार्केट से लेकर सेवक मोड़ तक नाले आपस में जुड़े नहीं हैं. श्री सेनगुप्ता ने बताया कि हल्की बारिश से ही अस्पताल मोड़ में पानी जम जाता है. हिलकार्ट रोड तथा सेवक रोड पर बने शॉपिंग सेंटरों तथा अपार्टमेंट ने भी नालों को ढक दिया और उसमें घुसने की जगह नहीं छोड़ी है. इस समस्या को लेकर कई बार संबंधित लोगों को अवगत कराया गया, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ.
श्री सेनगुप्ता ने बताया कि सिलीगुड़ी में ओपेन ड्रेनेज सिस्टम होने के चलते 28, 6, 4 तथा 5 नंबर वार्ड में लोग घरों से निकलनेवाला कचरा सीधे नाले में फेंक देते हैं. घर के कचरे में प्लास्टिक कैरीबैग ज्यादा होता है, जिससे निकासी व्यवस्था में बाधा उत्पन्न होती है. एमएमआइसी ने बताया कि पिछले नौ वर्षों में सिलीगुड़ी की जनसंख्या में तेजी से विस्तार हुआ है.
इस वजह से पुराने नालों की क्षमता कम पड़ रही है. उन्होंने बताया कि नगर निगम बहुत जल्द पीडब्ल्यूडी के साथ मिलकर नालों की मरम्मत का काम करेगा. बाकी के बचे नालों की सफाई का काम ठेके पर दिया जायेगा, जिसे लेकर फाइल तैयार हो गयी है. आचार संहिता लागू होने के कारण इस काम में कुछ देरी हो रही है.
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