36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

मतदान के बाद अब अटकलों का दौर शुरू

सिलीगुड़ी : दार्जिलिंग संसदीय क्षेत्र में मतदान खत्म होते ही सभी राजनीतिक पार्टियां अब आंकलन करने में जुट गयी हैं. साथ ही उम्मीदवार भी जोड़ घटाव करने में लगे हैं. यहां बता दें कि दार्जिलिंग लोकसभा सीट राज्य सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के लिए काफी महत्वपूर्ण है. तृणमूल व भाजपा दार्जिलिंग लोकसभा सीट के हिंदी भाषियों […]

सिलीगुड़ी : दार्जिलिंग संसदीय क्षेत्र में मतदान खत्म होते ही सभी राजनीतिक पार्टियां अब आंकलन करने में जुट गयी हैं. साथ ही उम्मीदवार भी जोड़ घटाव करने में लगे हैं. यहां बता दें कि दार्जिलिंग लोकसभा सीट राज्य सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के लिए काफी महत्वपूर्ण है. तृणमूल व भाजपा दार्जिलिंग लोकसभा सीट के हिंदी भाषियों की वोट पर टकटकी लगाये हुए हैं.

जहां एक तरफ भाजपा दार्जिलिंग लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले सभी विधानसभा में लीड लेने का दावा ठोंक रही है. वहीं तृणमूल कांग्रेस समतल के तीन विधानसभा सीट को किनारे रखकर भी जीत का दावा कर रही है. वहीं इस सीट को लेकर आमलोगों में भी उत्सुकता का माहौल है.

17वें लोकसभा चुनाव के तहत उत्तर बंगाल के पांच सीटों पर मतदान संपन्न हो गया है. बीते गुरूवार को दूसरे चरण के तहत दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी व रायगंज सीट पर मतदान हुआ. मतदान के बाद उम्मीदवारों का भाग्य भी 23 मई तक के लिए स्ट्रांग रूम में बंद हो गया है. मतदान के बाद सभी राजनीतिक दल वोटो के आंकलन करने में जुट गये हैं. माना जा रहा है कि दार्जिलिंग सीट पर मुख्य लड़ाई भाजपा और तृणमूल के बीच ही है. ये दोनों दल हिंदी भाषी वोट पर टकटकी लगाये हुए हैं.
दार्जिलिंग लोकसभा सीट के लिए पहाड़ का मुद्दा कितना भी अहम हो लेकिन हिंदी भाषी मतदाताओं की संख्या भी कम नहीं है. बांग्ला व नेपाली भाषियों के लिए पहाड़ पर अलग राज्य का मुद्दा महत्वपूर्व जरूर है. जबकि यह मामला हिंदी भाषियों को उतना प्रभावित नहीं करता है. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भी हिंदी भाषियों के मतों ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी. पिछले लोकसभा चुनाव में सिलीगुड़ी विधानसभा क्षेत्र में तृणमूल के मुकाबले भाजपा को अधिक वोट मिले थे.
एक तरह से कहें तो हिंदी भाषियों के वोट से ही भाजपा की जीत हुयी थी. इसके अतिरिक्त समतल के बांग्ला भाषियों का भी काफी अच्छा वोट भाजपा को मिला था. इस बार भाजपा पहाड़ सहित मसतल में हिंदी, बांग्ला व नेपाली भाषियों का अच्छा वोट मिलने की का दावा कर रही है. वहीं तृणमूल का दावा है कि समतल से इस बार भाजपा को ज्यादा वोट नहीं मिला है.
हांलाकि दार्जिलिंग सीट पर एक और समीकरण की अटकलें लगायी जा रही है. पिछली बार की तरह इस बार भी वामपंथी व कांग्रेस उम्मीदवार दार्जिलिंग सीट पर कोई ज्यादा प्रभावी नहीं रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार बंगाल में कांग्रेस व वाम का गठबंधन भी नहीं था. इसका फायदा भी भाजपा को ही होगा. हांलाकि वामपंथी नेता इस समीकरण को नकार रहे हैं. उनका कहना है कि वाम का वोट वामपंथी उम्मीदवार को ही मिलता रहा है. इस बार भी मिला होगा.
इधर तृणमूल खेमे से प्राप्त जानकारी के अनुसार पार्टी समतल के तीन विधानसभा सिलीगुड़ी, माटीगाड़ा-नक्सलबाड़ी व फांसीदेवा से लीड नहीं मिलना तय मान रही है. तृणमूल पहाड़ से 1 लाख व चोपड़ा से 50 हजार वोटो की लीड लेकर भाजपा को पछाड़ने का आंकलन कर रही है. जबकि भाजपा पहाड़ और समतल के सभी विधानसभा से लीड लेकर तृणमूल को उखाड़ फेंकने का दावा कर रही है. सिलीगुड़ी सांगठनिक जिला भाजपा अध्यक्ष अभीजीत राय चौधरी ने बताया कि पहाड़ हो या समतल भाजपा को हर जगह लोगों ने भारी समर्थन दिया है.
दार्जिलिंग लोकसभा सीट के भाजपा वोटों के विशाल अंतर से जीतेगी. तृणमूल मुकाबले में भी नहीं होगी. वहीं दार्जिलिंग जिला तृणमूल अध्यक्ष सह राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने बताया कि दार्जिलिंग सीट के पहाड़ व चोपड़ा से तृणमूल भारी मतो से लीड लेकर भाजपा को परास्त करेगी. इस बार पिछले जैसी बात नहीं है. भाजपा को कहीं भी समर्थन नहीं मिला है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें