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मनरेगा योजना के आवंटन में बंगाल से सौतेला व्यवहार, देश में मनरेगा योजना लागू करने में बंगाल सबसे आगे

जलपाईगुड़ी : लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है. इस बीच सत्ता और विरोधी पक्ष ने चुनाव प्रचार शुरू भी कर दिया है. पहले भी राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र सरकार पर राज्य के साथ सौतेला व्यवहार का आरोप लगाती रही हैं. उसी क्रम में पंचायत व ग्रामोन्नयन मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा है […]

जलपाईगुड़ी : लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है. इस बीच सत्ता और विरोधी पक्ष ने चुनाव प्रचार शुरू भी कर दिया है. पहले भी राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र सरकार पर राज्य के साथ सौतेला व्यवहार का आरोप लगाती रही हैं.
उसी क्रम में पंचायत व ग्रामोन्नयन मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा है कि अभी भी चालू वित्तीय वर्ष के लिए मनरेगा योजना के तहत पूरे राज्य में केंद्र सरकार पर 14 हजार करोड़ रुपये बकाया है. इनमें से केवल उत्तर बंगाल में मनरेगा योजना के 613 करोड़ 77 लाख 20 हजार रुपये केंद्र सरकार पर बकाया है.
उन्होंने कहा कि देश में मनरेगा योजना को लागू करने में पश्चिम बंगाल सबसे आगे है. फिर भी उसके साथ सौतेला व्यवहार करते हुए केंद्र सरकार ने हजारों करोड़ रुपये बकाया रखे हैं. इस वजह से दैनिक मजदूर काम करने के बावजूद अपने पारिश्रमिक से वंचित हैं.
हालांकि राज्य सरकार इन श्रमिकों को अपनी तरफ से राहत देने का पूरा प्रयास कर रही है, लेकिन सरकार की अपनी सीमा के चलते इसमें समस्याएं कायम हैं. मंत्री ने कहा कि यह मसला बेहद चिंताजनक है.
उन्होंने बताया कि मनरेगा की बकाया राशि के भुगतान के लिए विभागीय प्रधान सचिव और मनरेगा योजना के संबद्ध मुख्य अधिकारी दिल्ली गये हुए हैं. हालांकि खबर लिखे जाने तक इस संबंध में कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है.
उल्लेखनीय है कि उत्तर बंगाल के जिलों में मालदा जिले का बकाया सबसे ज्यादा है. यहां जिले के 2 लाख 44 हजार 950 दैनिक मजदूरों की बकाया मजदूरी 160 करोड़ 51 लाख 75 हजार रुपये हैं. गौरतलब है कि इस योजना के मद में जिले में औसतन 86.96 दिन काम हुए हैं.
वहीं दक्षिण दिनाजपुर जिले में यह बकाया राशि 118 करोड़ 1 लाख 49 हजार रुपये हैं. इस जिले में 1 लाख 19 हजार 981 लोगों को काम मिले हैं जिसका मतलब है कि जिले में औसतन 62.07 दिन काम हुए हैं. वहीं उत्तर दिनाजपुर जिले में योजना की बकाया राशि 37 करोड़ 60 लाख 44 हजार रुपये है. जिले में कुल 1 लाख 97 हजार 933 लोगों को काम मिला है.
यहां औसतन 98.59 दिन काम हुए हैं. वहीं कूचबिहार जिले में बकाया राशि 105 करोड़ 77 लाख 9000 रुपये हैं. जिले में कुल 4 लाख 20 हजार 819 लोगों को काम मिले हैं. जिले में औसत काम 74 दिन है. उधर अलीपुरद्वार जिले की बकाया राशि 54 करोड़ 59 लाख 4 हजार रुपये है. जिले में कुल 2 लाख 94 हजार 219 लोगों को काम मिले हैं.
यहां औसत 75 दिन काम मिले हैं. इसी तरह दार्जिलिंग जीटीए क्षेत्र में बकाया राशि 38 करोड़ 39 लाख 1 हजार रुपये है. यहां कुल 1 लाख 10 हजार 922 लोगों को काम मिले हैं. औसत काम 65 दिन है. सिलीगुड़ी महकमा परिषद में बकाया राशि 48 करोड़ एक लाख 31 हजार रुपये है. यहां कुल 29 हजार 763 लोगों को काम मिले हैं. औसत काम 69 दिन है.

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